4 साल की उम्र में सिर से उठा पिता का साया, अब 1200 लोगों का पेट भरते हैं अज़हर

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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4 साल की उम्र में सिर से उठा पिता का साया, अब 1200 लोगों का पेट भरते हैं अज़हर

हैदराबाद के दबीरपुरा पुल के नीचे हर दोपहर बहुत से लोग साफ सुथरी दरियों पर कतार बांधकर बैठ जाते हैं और अजहर मकसूसी नाम का एक शख्स बारी-बारी से उन सब की प्लेटों में गर्मागर्म खाना परोसता है। यह सिलसिला पिछले सात साल से चल रहा है. आज सात स्थानों पर 120


4 साल की उम्र में सिर से उठा पिता का साया, अब 1200 लोगों का पेट भरते हैं अज़हर
हैदराबाद के दबीरपुरा पुल के नीचे हर दोपहर बहुत से लोग साफ सुथरी दरियों पर कतार बांधकर बैठ जाते हैं और अजहर मकसूसी नाम का एक शख्स बारी-बारी से उन सब की प्लेटों में गर्मागर्म खाना परोसता है।

यह सिलसिला पिछले सात साल से चल रहा है. आज सात स्थानों पर 1200 लोग उसकी वजह से एक वक्त भरपेट खाना खाते हैं।


हैदराबाद के पुराने शहर के चंचलगुडा इलाके में जन्मे अजहर के लिए जिंदगी कभी आसान नहीं रही. चार बरस की उम्र में सिर से पिता का साया उठ गया. पांच भाई बहनों के परिवार को पालने की जिम्मेदारी मां पर आ गई।

उन दिनों को याद करते हुए अजहर ने बताया कि नाना के यहां से मदद मिलती थी, लेकिन उनकी और भी बहुत जिम्मेदारियां थी इसलिए कभी दिन में एक बार तो कभी दो दिन में एक बार खाना मिलता था लिहाजा भूख से उनका पुराना रिश्ता रहा।