दोनों किडनी फेल, पहले मां, फिर पत्नी और अब बेटी ने बचाई जान

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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दोनों किडनी फेल, पहले मां, फिर पत्नी और अब बेटी ने बचाई जान

नोएडा। किडनी की बीमारी से जूझ रहे बुलंदशहर के सुरेश को जब पहली बार किडनी ट्रांसप्लाट कराने की जरूरत पड़ी, तो घर का कोई पुरुष सदस्य किडनी डोनेट करने के लिए आगे नहीं आया। उस समय उनकी मां ने किडनी डोनेट कर अपने बेटे की जान बचाई। 5 साल बाद दवा नियमित नही


दोनों किडनी फेल, पहले मां, फिर पत्नी और अब बेटी ने बचाई जाननोएडा।  किडनी की बीमारी से जूझ रहे बुलंदशहर के सुरेश को जब पहली बार किडनी ट्रांसप्लाट कराने की जरूरत पड़ी, तो घर का कोई पुरुष सदस्य किडनी डोनेट करने के लिए आगे नहीं आया। उस समय उनकी मां ने किडनी डोनेट कर अपने बेटे की जान बचाई।

5 साल बाद दवा नियमित नहीं खाने की वजह किडनी में फिर दिक्कत आने लगी, तब फिर उन्हें ट्रांसप्लाट की जरूरत पड़ी, लेकिन इस बार भी घर का कोई पुरुष सदस्य मदद को आगे नहीं आया। तब उनकी पत्नी ने किडनी दान की, लेकिन किन्हीं कारणों से यह ट्रांसप्लांट कामयाब नहीं हो पाया।

सुरेश को फिर एक बार किडनी की जरूरत पड़ी। इस बार उनकी 21 साल की बड़ी बेटी काजल ने किडनी डोनेट की और अब पिता-बेटी दोनों स्वस्थ हैं।

नोएडा के जेपी अस्पताल के डॉ. अमित देवरा ने बताया कि किडनी डोनेट करने से किसी को भी कोई परेशानी नहीं होने वाली है। डोनर को बस कुछ नियमित दिनचर्या और जरूरी सावधानी बरतने की जरूरत होती है। सुरेश डायबिटीक हैं। जिसकी वजह से 2011 में ही दोनों किडनी लगभग पूरी तरह से काम करना बंद कर चुकीं थीं।