बहनों को विदा करते वक्त रोने से भाई की तबीयत बिगड़ी, मौत

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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बहनों को विदा करते वक्त रोने से भाई की तबीयत बिगड़ी, मौत

राजस्थान के पाली में सात दिन पहले मोहनदास वैष्णव का परिवार ही नहीं बल्कि समूचा डेंडा गांव 4 बहनों की शादी को लेकर जश्न में डूबा था। विदाई की बेला में बाराती व घराती सामाजिक रस्में पूरी करने में व्यस्त थे। इस बीच बहनों काे विदा होते देखकर परिवार के इ


बहनों को विदा करते वक्त रोने से भाई की तबीयत बिगड़ी, मौतराजस्थान के पाली में सात दिन पहले मोहनदास वैष्णव का परिवार ही नहीं बल्कि समूचा डेंडा गांव 4 बहनों की शादी को लेकर जश्न में डूबा था। विदाई की बेला में बाराती व घराती सामाजिक रस्में पूरी करने में व्यस्त थे।

इस बीच बहनों काे विदा होते देखकर परिवार के इकलौते चिराग दिव्यांग राजूदास की रुलाई ऐसी फूटी कि उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई।

गांव वाले ही उसे उपचार के लिए बांगड़ अस्पताल लेकर पहुंचे, मगर तबीयत में सुधार नहीं होने पर उसे जोधपुर रेफर किया, जहां उसकी गुरुवार को मौत हो गई। 5 बहनों के इकलौते भाई की मौत के बाद पूरे गांव में शोक पसर गया।

डेंडा निवासी मोहनदास वैष्णव की 5 बेटियां व 1 पुत्र है। उसकी पत्नी की 5 माह पहले ही मौत हो चुकी है। एक पुत्री के नाबालिग होने के कारण 13 दिसंबर को 4 बेटियाें रेखा, पूनम, वर्षा तथा ज्योति की शादी थी। इसको लेकर पूरे परिवार में खुशी का माहौल था। गांव वाले भी शादी की तैयारियों में पूरी भागीदारी निभा रहे थे। रात में विदाई के वक्त इकलौता दिव्यांग भाई राजूदास चारों बहनों के गले मिल रहा था।

ज्यादा भावुक होने से उसकी तबीयत खराब हो गई। इससे खुशियों में खलल पड़ गया था। गांव वालों ने उसे बांगड़ अस्पताल में भर्ती कराया। 3 दिन तक पाली में भर्ती रखने के बाद भी उसकी तबीयत में सुधार नहीं होने पर उसे जोधपुर रेफर कर दिया था।

गुरुवार को उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। उसके निधन की सूचना से पूरे गांव में गम का माहौल बन गया। उसके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे।