10 साल के बच्चे रमजान को सपने में नजर आते थे 'गणेश जी', घर से भागकर किया ऐसा...
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर में रहने वाले एक 10 साल के बच्चे रमजान का कहना है कि उसे सपने में गणेश जी नजर आते थे। उसने यह बात अपने दोस्त मुबारक को बताई और इसके बाद दोनों ने मिलकर गणेश बिठाने की ठान ली थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दो दिन पहले
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर में रहने वाले एक 10 साल के बच्चे रमजान का कहना है कि उसे सपने में गणेश जी नजर आते थे। उसने यह बात अपने दोस्त मुबारक को बताई और इसके बाद दोनों ने मिलकर गणेश बिठाने की ठान ली थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दो दिन पहले दोनों घर मे किसी को कुछ बताए बिना निकल गए और शहर की शारदा विहार कॉलोनी पहुंचे। यहां आस-पास के घरों से थोड़ा चंदा जुटाया और रेलवे फाटक से थोड़ी ही दूर पर बने फुटपाथ पर एक झोपड़ीनुमा पंडाल तैयार कर गणेश जी की मूर्ति स्थापित की।
पूजन की सामग्री भी खरीद लाए। मोहल्ले के लोग अब हर दिन गणेश जी की पूजा अर्चना करने आने लगे। वहीं रमजान और मुबारक को भी दो वक्त का खाना मुहैया कराते। दोनों बच्चे पंडाल के भीतर ही सोते और मूर्ति की देखरेख करते।
इधर मोहल्ले से दो बच्चों के एक साथ गायब होने से उनके परिजनों के हाथ पांव फूल गए। रमजान की मां के मुताबिक उसके पिता ने रमजान को किसी बात के लिए फटकार भी लगाई थी, जिसके बाद वह और मुबारक कहीं चले गए थे।
कल इसकी जानकारी किसी ने चाइल्डलाइन को दे दी और फिर उनके सदस्य बच्चों को ढूंढते इस पंडाल पर पहुंचे। रमजान और मुबारक दोनों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दो दिन पहले दोनों घर मे किसी को कुछ बताए बिना निकल गए और शहर की शारदा विहार कॉलोनी पहुंचे। यहां आस-पास के घरों से थोड़ा चंदा जुटाया और रेलवे फाटक से थोड़ी ही दूर पर बने फुटपाथ पर एक झोपड़ीनुमा पंडाल तैयार कर गणेश जी की मूर्ति स्थापित की।
पूजन की सामग्री भी खरीद लाए। मोहल्ले के लोग अब हर दिन गणेश जी की पूजा अर्चना करने आने लगे। वहीं रमजान और मुबारक को भी दो वक्त का खाना मुहैया कराते। दोनों बच्चे पंडाल के भीतर ही सोते और मूर्ति की देखरेख करते।
इधर मोहल्ले से दो बच्चों के एक साथ गायब होने से उनके परिजनों के हाथ पांव फूल गए। रमजान की मां के मुताबिक उसके पिता ने रमजान को किसी बात के लिए फटकार भी लगाई थी, जिसके बाद वह और मुबारक कहीं चले गए थे।
कल इसकी जानकारी किसी ने चाइल्डलाइन को दे दी और फिर उनके सदस्य बच्चों को ढूंढते इस पंडाल पर पहुंचे। रमजान और मुबारक दोनों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया है।