10 साल का बच्चा हेमांग चलाता है खुद की कंपनी...

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. Desh Videsh

10 साल का बच्चा हेमांग चलाता है खुद की कंपनी...

नई दिल्ली। उम्र महज 10 साल, लेकिन कारनामे ऐसे कि आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। अंदाजा लगाइए कि इतनी नादान सी उम्र में एक बच्चा क्या-क्या कर सकता है ? गारंटी है कि आपकी सोच भी वहां तक नहीं पहुंच पाएगी, जानिए बच्चे के बारे में। उसका नाम है हेमांग वेल्ल


10 साल का बच्चा हेमांग चलाता है खुद की कंपनी...
नई दिल्ली।  उम्र महज 10 साल, लेकिन कारनामे ऐसे कि आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। अंदाजा लगाइए कि इतनी नादान सी उम्र में एक बच्चा क्या-क्या कर सकता है ? गारंटी है कि आपकी सोच भी वहां तक नहीं पहुंच पाएगी, जानिए बच्चे के बारे में।

उसका नाम है हेमांग वेल्लोर। जो इस कच्ची उम्र में रोबॉटिक्स, ड्रोन रेसर, इथिकल हैकर, कोडर, रॉकेट लॉन्चर और यंगेस्ट मोटिवेटर के नाम से मशहूर हो चुका है। ग्रेटर नोएडा की गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी में चल रहे यूथ फेस्टिवल में उसे बतौर मोटिवेशनल स्पीकर बुलाया गया है। 8वीं में पढ़ने वाला हेमांग ने अपनी बनाई खुद की कंपनी का CEO भी है।

फेस्टिवल में पिछले 2 दिन से हेमांग युवाओं को सपने देखने और पूरा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। अपने जीवन के बारे में बताकर वह युवाओं को उत्साहित कर रहे हैं। हेमांग यहां अपनी मां उमा रानी के साथ आए हैं। हेमांग ने बताया कि जब वह 7 साल के थे, तभी से उन्हें रोबोट बनाने का शौक चढ़ा। इस शौक की वजह से उन्होंने एमआईटी रोबॉटिक्स नैशनल चैंपियनशिप जीता और रोबो गोल्फ चैंपियनशिप में भी अपना परचम लहराया। 

साथ ही बता दें कि हाल में उन्होंने हाई ऐल्टिट्यूट और लो ऐल्टिट्यूट के रॉकेट लॉन्च किए। हेमांग इथिकल हैकिंग, रोबॉटिक, जीवन जीने के तरीके बताने के लिए वर्कशॉप भी कराते हैं। छोटी उम्र में बड़ी-बड़ी उपलब्धि हासिल करने के कारण देश-विदेश के कई आयोजनों में उन्हें मुख्य अतिथि और स्पीकर के रूप में बुलाया जाता है। हेमांग की इच्छा मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम जैसा बनने की है। 

10 साल का बच्चा हेमांग चलाता है खुद की कंपनी...
छोटी-सी उम्र में इतने कमाल कर चुके हेमांग के लिए उनकी मां ने खुद को बेटे पर ही समर्पित कर दिया है। बेटे के शौक को उसकी ताकत बनाने के लिए मां पिछले 3-4 सालों में 5 कोर्स कर चुकी हैं। हेमांग की मां उमा रानी ने बताया कि एमए, पीएचडी करने के बाद उन्होंने नहीं सोचा था कि बेटे के लिए फिर से पढ़ाई करनी होगी। बेटे की रुचि को देखकर उन्होंने साइबर सिक्यॉरिटी, सोशल मैनेजमेंट, फरेंसिक साइंस से जुड़े कोर्स किए हैं।