कर्नाटक में हर दिन तंबाकू के कारण 140 लोगों की मौत

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

  1. Home
  2. Desh Videsh

कर्नाटक में हर दिन तंबाकू के कारण 140 लोगों की मौत

नई दिल्ली। कर्नाटक में तंबाकू उत्पादों के सेवन से होने वाली बीमारियेां से प्रतिदिन 140 से अधिक लोगों की मौत हो रही हैं, वंही हर घंटे 12 बच्चे एंव किशोर तंबाकू का सेवन भी शुरू कर रहे है। इससे प्रतिवर्ष 50 हजार से अधिक लोगों की मौत प्रदेश में हो रही ह


कर्नाटक में हर दिन तंबाकू के कारण 140 लोगों की मौत
नई दिल्ली। कर्नाटक में तंबाकू उत्पादों के सेवन से होने वाली बीमारियेां से प्रतिदिन 140 से अधिक लोगों की मौत हो रही हैं, वंही हर घंटे 12 बच्चे एंव किशोर तंबाकू का सेवन भी शुरू कर रहे है। इससे प्रतिवर्ष 50 हजार से अधिक लोगों की मौत प्रदेश में हो रही है। जोकि बेहद चिंता का विषय है। तंबाकू सेवन के बढ़ते खतरे को देखते हुए बेंगलुरु विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) ने बुधवार को नारायण हेल्थ सिटी, संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के सहयोग से तंबाकू नियंत्रण पर आयेाजित कार्यशाला में ‘‘प्लेज फॉर लाइफ - तंबाकू मुक्त युवा ’’ अभियान का आगाज किया गया।
विश्वविद्यालय ने प्लेज फॉर लाइफ - तंबाकू मुक्त युवा ’अभियान की कार्य योजना तैयार की है। इस कार्य योजना में  तम्बाकू विरोधी गतिविधियाँ जैसे वाद-विवाद प्रतियोगिता, रैलियाँ, पोस्टर प्रतियोगिता, प्रतिज्ञा आदि  शामिल है। इन गतिविधियों से छात्रों में जागरूकता  लाएँगे जिससे उनके  व्यवहार में बदलाव आएगा और अंततःतंबाकू सेवन की  प्रवृत्ति कम होगी।
कार्यशाला के दौरान, नारायण हेल्थ सिटी, बेंगलुरु के कैंसर सर्जन और वॉयस ऑफ टोबैको विक्टिम्स (वीओटीवी) के संरक्षक डॉ. विवेक शेट्टी, ने कहा “ ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे - (जीएटीएस 2017) में देखा  गया है कि 15 वर्ष से ऊपर की आयु के 3 में एक और 10 महिलाओं में एक महिला किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। कम उम्र के लेागों में में कैंसर होने का पता चल रहा है और इसका एक कारण तंबाकू उत्पादों का व्यापक सेवन है। यदि तंबाकू का सेवन कम उम्र में शुरू किया जाता है, तो व्यक्ति अपने पूरे जीवन में इस लत को रहने की अधिक आशंका हेाती है। चूँकि तम्बाकू सेवन की लत छोड़ने की दर बहुत कम है, इसलिए अधिक से अधिक प्रयास युवाओं में तंबाकू की सेवन शुरू करने को कम करने की दिशा में होना चाहिए। ”
इस अवसर पर बैंगलोर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.आर. वेणुगोपाल ने कहा, “यह हमारी युवा पीढ़ियों को तंबाकू के खतरे से बचाने का एक बेहतरीन सामाजिक पहल है। हमारे पास 10,000 स्वयंसेवकों वाली 104 एनएसएस इकाइयां हैं और सभी इकाइयों की सक्रिय भागीदारी से समाज में सकारात्मक सामाजिक व्यवहार परिवर्तन होगा। अगर छोत्रों को तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों की पेशकश की जाती है तो उन्हें इन पदार्थों को ना कहने में गर्व महसूस करना चाहिए।
कार्यशाला के दौरान, शिक्षकों और छात्रों ने तंबाकू विरोधी प्रतिज्ञा भी ली कि वे अपने जीवन में कभी भी तंबाकू को नहीं छुएंगे और अपने परिवार और दोस्तों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे ( जीएटीएस) -2017  के अनुसार, कर्नाटक में 1.03 करोड़ लोग तंबाकू का उपयोग करते हैं। इनमें 90 प्रतिशत उपयोगकर्ता अपनी किशोरावस्था में तंबाकू का सेवन शुरू कर देते हैं।
आरजीयूएचएस, बैंगलोर विश्वविद्यालय के बाद, ‘प्लेज फॉर लाइफ अभियान कार्यशाला का आयोजन कल 19 सितंबर को कर्नाटक विश्वविद्यालय के प्री-यूनिवर्सिटी शिक्षा विभाग (पीयूई) के एनएसएस सेल द्वारा किया जाएगा। यह कार्मेल पीयू कॉलेज, बेंगलुरु में आयोजित किया जाएगा और उम्मीद की जा रही है कि एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी और पीयूई विभाग के 80 इकाइयों के बैंगलोर क्षेत्र के स्वयंसेवक इसमें भाग लेंगे। पीयूई  विभाग में कर्नाटक भर में 78000 एनएसएस स्वयंसेवक हैं।
भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा प्रेरित, प्लेज फॉर लाइफ- तंबाकू मुक्त युवा ’अभियान भारत सरकार के युवा मामलों के मंत्रालय द्वारा समर्थित है। यह वर्तमान में असम, दिल्ली, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में चलाया जा रहा है। कार्यशाला में बैंगलोर विश्वविद्यालय की 100 से अधिक एनएसएस इकाइयों ने भाग लिया।