17 साल के लड़के ने बनाई हेल्थ स्टेटस बताने वाली टीशर्ट

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17 साल के लड़के ने बनाई हेल्थ स्टेटस बताने वाली टीशर्ट

बिहार के पटना में एक 17 साल के लड़के ने कमाल का कारनामा कर दिखाया है। जी हां, दरअसल पटना के हर्षिल आनंद ने महज 17 साल की उम्र में ऐसी टीशर्ट बना दी है, जाे पहनने वाले का हेल्थ स्टेटस बताती है। बता दें कि इसका नाम रखा गया है स्मार्टी टीशर्ट। दरअसल 17


17 साल के लड़के ने बनाई हेल्थ स्टेटस बताने वाली टीशर्ट
बिहार के पटना में एक 17 साल के लड़के ने कमाल का कारनामा कर दिखाया है। जी हां, दरअसल पटना के हर्षिल आनंद ने महज 17 साल की उम्र में ऐसी टीशर्ट बना दी है, जाे पहनने वाले का हेल्थ स्टेटस बताती है। बता दें कि इसका नाम रखा गया है स्मार्टी टीशर्ट।

दरअसल 17 वर्ष के हर्षिल ने इसे खासकर बुजुर्गों के लिए डिजाइन किया है। दरअसल जाे बच्चे दूर रहते हैं और अपने माता-पिता का नियमित चेकअप नहीं करा पाते, वो इसके जरिए उनके स्वास्थ्य की स्थिति जान पाएंगे। बता दें कि हर्षिल शुरू से ही ऐसे रहे हैं।

साधारणतः 8वीं-9वीं क्लास के बच्चे यह तय नहीं कर पाते कि आगे उन्हें क्या बनना है, क्या करना है। लेकिन, इसी उम्र में हर्षिल को रोबोटिक्स का शौक आया। रोबोट पर काम करने के साथ-साथ ड्रोन भी बनाना शुरू किया।

इसके बाद हर्षिल ने अपनी कंपनी की स्थापना की और फिर ऐसी टी-शर्ट डिजाइन की, जो आपके हेल्थ डेटा को कलेक्ट करती है और उसे सर्वर पर अपलोड करती है। फिर दूर बैठे आपके बच्चे या रिश्तेदार मोबाइल एप के जरिए उसे देख सकते हैं। इस टीशर्ट में जो चिप लगी है, जाे सारे डेटा को क्लाउड सर्वर के जरिए हर पांच सेकंड में अपलोड करती है।

मालूम हो कि यह टीशर्ट बॉडी में बीपी, ईसीजी, स्ट्रेस लेवल, ब्रीदिंग रेट और हार्ट बीट के डेटा को कलेक्ट करती है। इसके साथ ही इसमें एक पैनिक बटन है, जो इमरजेंसी के समय तुरंत एप इस्तेमाल कर रहे व्यक्ति के स्मार्ट फोन पर सूचना पहुंचाता है।

बता दें कि हर्षिल के साथ वर्तमान समय में तीन और लोग काम कर रहे हैं। राजस्थान के रोहित दयानी हैं, जो अभी 10वीं के छात्र हैं। दूसरे नालंदा के रंजन कुमार बीटेक कर रहे हैं। वहीं तीसरे झारखंड के त्रिशित प्रमाणिक जोकि 12वीं कक्षा में हैं।

युवाओं का यह ग्रुप इंटरनेट के जरिए बना है। इनकी दोस्ती वर्चुअली हुई और ये मिलकर विक्युब कंपनी चला रहे हैं। मालूम हो कि ये 4 लड़के फूड ऑर्डरिंग के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे हैं जो फूड ऑर्डर करने को बहुत ही सरल बनाएगा।

हर्षिल संत कैरेंस सेकेंड्री स्कूल में 11वीं कक्षा का छात्र है। वर्ष 2017 में ड्रोन इन्वेंशन के लिए भी इसको पुरस्कार मिला है। दरअसल हर्षिल ने ऐसा ड्रोन बनाया है जो नैचुरल डिजास्टर की जगह पर मेडिकल सप्लाई कर सकता है। एप के जरिए लोकेशन डालने पर ड्रोन वहां दवा, बैंडेज आदि पहुंचा सकता है।

हर्षिल के पिता चंद्रा राणे प्रवेश बैंक में कार्यरत हैं और माता मधु प्रवेश गृहिणी हैं। मालूम हो कि हर्षिल को आईआईटी पटना, बीआईटी मेसरा और बीआईए में हाल ही में हुई प्रतियोगिता में अपने इनोवेशन के लिए पुरस्कार मिल चुका है।