130 करोड़ भारतीयों की भागीदारी से ही एक महान देश बनाया जा सकता है: मोदी

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130 करोड़ भारतीयों की भागीदारी से ही एक महान देश बनाया जा सकता है: मोदी

चेन्नई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास के 56वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने के लिए चेन्नई पहुंचे। उन्होंने चेन्नई अंतराüष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 2019 के आ


130 करोड़ भारतीयों की भागीदारी से ही एक महान देश बनाया जा सकता है: मोदी
चेन्नई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास के 56वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने के लिए चेन्नई पहुंचे। उन्होंने चेन्नई अंतराüष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मीडिया को संबोधित किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 2019 के आम चुनावों के बाद उनकी यह चेन्नई की पहली यात्रा है। मैं आईआईटी मद्रास की हीरक जयंती समारोह में भाग लेने आया हूं, लेकिन मेरे स्वागत के लिए आप लोग इतनी बड़ी संख्या में आए है, मैं आप सभी का दिल से आभार व्यक्त करता हूं।
अपनी हाल की अमरीकी यात्रा के दौरान मैंने वहां भारतीय समुदाय से तमिल में बात की और बताया कि तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है। इस बात की अमेरिका की मीडिया में व्यापक चचाü हुई।
उन्होंने कहा कि अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान मैंने यह महसूस किया कि दुनिया बड़ी उम्मीद के साथ भारत की ओर देख रही है और यह अपेक्षा दिन पर दिन बढ़ती ही चली जा रही है। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम न केवल देश को एक महान राष्ट्र बनाएं, बल्कि यह भी देखें कि हम विश्व समुदाय की अपेक्षाओं पर खरे उतरें।
मोदी ने कहा कि यह कायü केवल केन्द्र सरकार द्वारा ही नहीं, बल्कि 130 करोड़ भारतीयों के माध्यम से ही हो सकता है। ऐसा देश के हर नुक्कड़ पर, देश के हर कोने में प्रत्येक भारतीय, चाहे वह अमीर हो या गरीब हो, ग्रामीण हो या शहरी, युवा हो या बूढ़ा हो सभी के प्रयास से ही हो सकता है।
उन्होंने कहा कि हमने अनेक सफलताएं जन भागीदारी के माध्यम से की हैं और उसी प्रकार हमें सिंगल यूज प्लास्टिक से देश को छुटकारा दिलाना चाहिए। कुछ लोग इसकी गलत व्याख्या कर रहे हैं कि मैं चाहता हूं कि भारत प्लास्टिक से मुक्त हो जाए, मैंने ऐसा नहीं कहा, मैंने केवल यह कहा, 'मैं चाहता हूं कि देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से छुटकारा मिलना चाहिए। ऐसी प्लास्टिक का उपयोग केवल एक बार किया जा सकता है, लेकिन यह बाद में बहुत सारी समस्याएं पैदा करता है।
2 अक्टूबर को, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर हम पदयात्राएं करेंगे और इन पदयात्राओं के माध्यम से गांधी के आदशोंü का प्रचार करेंगे। उन्होंने कहा, मेरे स्वागत के लिए इतनी बड़ी संख्या में आने के लिए मैं एक बार फिर आपको धन्यवाद देता हूं।