जनसंघ से शुरू हुआ था अरुण जेटली का राजनीतिक सफर
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में अरुण जेटली के पास वित्त जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय था। उनकी गिनती प्रधानमंत्री के बाद दूसरे नंबर के नेताओं में होती थी। बतौर वित्त मंत्री जेटली ने आम बजट और रेल बजट को एकसाथ पेश करने की व्यवस्था
नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में अरुण जेटली के पास वित्त जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय था। उनकी गिनती प्रधानमंत्री के बाद दूसरे नंबर के नेताओं में होती थी।
बतौर वित्त मंत्री जेटली ने आम बजट और रेल बजट को एकसाथ पेश करने की व्यवस्था लागू की। इतना ही नहीं, गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) को पूरे देश में लागू करने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 को महाराज किशन जेटली और रतन प्रभा जेटली के घर दिल्ली में हुआ था। उनके पिता भी वकील थे।
1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) छात्रसंघ के अध्यक्ष भी बने थे। 1975-77 में 19 महीनों तक आपातकाल के दौरान वे मीसाबंदी थे और इसके बाद जनसंघ में शामिल हो गए थे। वकील होने के नाते 1977 से उच्चतम न्यायालय तथा देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में उन्होंने वकालत भी की थी।
बतौर वित्त मंत्री जेटली ने आम बजट और रेल बजट को एकसाथ पेश करने की व्यवस्था लागू की। इतना ही नहीं, गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) को पूरे देश में लागू करने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था।
अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर 1952 को महाराज किशन जेटली और रतन प्रभा जेटली के घर दिल्ली में हुआ था। उनके पिता भी वकील थे।
1974 में दिल्ली विश्वविद्यालय के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) छात्रसंघ के अध्यक्ष भी बने थे। 1975-77 में 19 महीनों तक आपातकाल के दौरान वे मीसाबंदी थे और इसके बाद जनसंघ में शामिल हो गए थे। वकील होने के नाते 1977 से उच्चतम न्यायालय तथा देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में उन्होंने वकालत भी की थी।