ब्राह्मण पति बोला- तलाक मंजूर है, लेकिन चोटी नहीं कटाऊंगा...
भोपाल। एक ब्राह्मण परिवार के पुरुष की चोटी (शिखा) उसके लिए मुसीबत का कारण बन गई है। हालात यह है कि परिवार बिखरने की कगार पर पहुंच गया है। फैमिली कोर्ट में दाखिल केस में पत्नी का कहना है कि चोटी रखने के कारण पति गंवारों की तरह दिखाई देता है। उसके माय
भोपाल। एक ब्राह्मण परिवार के पुरुष की चोटी (शिखा) उसके लिए मुसीबत का कारण बन गई है। हालात यह है कि परिवार बिखरने की कगार पर पहुंच गया है।
फैमिली कोर्ट में दाखिल केस में पत्नी का कहना है कि चोटी रखने के कारण पति गंवारों की तरह दिखाई देता है। उसके मायके वाले पति का मजाक उड़ाते हैं, जिससे उसे काफी अपमानित होना पड़ता है। जबकि पति का कहना है कि उसने मन्नत रखी है कि वह चोटी रखेगा। यह उसके मौत के साथ जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पत्नी का कहना है कि शिखा रखने के कारण पति गंवार टाइप का दिखता है। वह उसके स्टैंडर्ड का नहीं है। जबकि पति एक्जीक्यूटिव इंजीनियर है। पत्नी एमबीए पास है।
काउंसलर सरिता राजानी ने बताया कि महिला की शादी 2 फरवरी 2016 को हुई थी। शादी के साल तो सब कुछ अच्छा रहा। दो साल बाद उसके सास और ससुर की मौत सड़क हादसे में हो गई थी। मृत्यु के कर्मकांड के दौरान पति का मुंडन हुआ।
उसमें पति ने धार्मिक मान्यता के अनुसार शिखा यानी चोटी रख ली। उसके बाद जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आई। इसके बाद जब पति ने चोटी नहीं कटाई तो उसने टोकना शुरू किया। महिला ने काउंसलर को बताया कि पति को चोटी कटाने कहते तो वह बात को टाल जाते हैं। चोटी रखने से सब पति को पंडितजी कहने लगे। इस बात को लेकर उनमें झगड़ा बढ़ता गया।
महिला ने बताया कि पति ने जिद ठान ली है कि वह कभी अपनी शिखा नहीं कटाएगा। उसकी चोटी मौत के बाद शरीर के साथ जलेगी। इधर, पति का कहना है कि पत्नी को सारे सुख हैं। वह उसकी चोटी के पीछे पड़ी है। इसको लेकर पत्नी छह माह से मायके में है। पत्नी की जिद है कि सिर पर चोटी रखो या तलाक दो।
युवक का कहना है कि उसने माता-पिता की मौत के बाद संकल्प लिया था कि वह चोटी रखेगा। यह उसकी धार्मिक मान्यता है। वह अपने परिवार में इकलौता बेटा है। उसे सभी मान्यताओं का पालना करना पड़ता है।
उसका कहना है कि इससे उसे सुख भी मिलता है। दोनों एक-दूसरे की बात सुनने तैयार नहीं हैं। इस मामले में दूसरी काउंसलिंग कराई जा रही हैं। कोर्ट को उम्मीद है मामले में काउंसलिंग के माध्यम से समझौता हो जाएगा।
फैमिली कोर्ट में दाखिल केस में पत्नी का कहना है कि चोटी रखने के कारण पति गंवारों की तरह दिखाई देता है। उसके मायके वाले पति का मजाक उड़ाते हैं, जिससे उसे काफी अपमानित होना पड़ता है। जबकि पति का कहना है कि उसने मन्नत रखी है कि वह चोटी रखेगा। यह उसके मौत के साथ जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पत्नी का कहना है कि शिखा रखने के कारण पति गंवार टाइप का दिखता है। वह उसके स्टैंडर्ड का नहीं है। जबकि पति एक्जीक्यूटिव इंजीनियर है। पत्नी एमबीए पास है।
काउंसलर सरिता राजानी ने बताया कि महिला की शादी 2 फरवरी 2016 को हुई थी। शादी के साल तो सब कुछ अच्छा रहा। दो साल बाद उसके सास और ससुर की मौत सड़क हादसे में हो गई थी। मृत्यु के कर्मकांड के दौरान पति का मुंडन हुआ।
उसमें पति ने धार्मिक मान्यता के अनुसार शिखा यानी चोटी रख ली। उसके बाद जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आई। इसके बाद जब पति ने चोटी नहीं कटाई तो उसने टोकना शुरू किया। महिला ने काउंसलर को बताया कि पति को चोटी कटाने कहते तो वह बात को टाल जाते हैं। चोटी रखने से सब पति को पंडितजी कहने लगे। इस बात को लेकर उनमें झगड़ा बढ़ता गया।
महिला ने बताया कि पति ने जिद ठान ली है कि वह कभी अपनी शिखा नहीं कटाएगा। उसकी चोटी मौत के बाद शरीर के साथ जलेगी। इधर, पति का कहना है कि पत्नी को सारे सुख हैं। वह उसकी चोटी के पीछे पड़ी है। इसको लेकर पत्नी छह माह से मायके में है। पत्नी की जिद है कि सिर पर चोटी रखो या तलाक दो।
युवक का कहना है कि उसने माता-पिता की मौत के बाद संकल्प लिया था कि वह चोटी रखेगा। यह उसकी धार्मिक मान्यता है। वह अपने परिवार में इकलौता बेटा है। उसे सभी मान्यताओं का पालना करना पड़ता है।
उसका कहना है कि इससे उसे सुख भी मिलता है। दोनों एक-दूसरे की बात सुनने तैयार नहीं हैं। इस मामले में दूसरी काउंसलिंग कराई जा रही हैं। कोर्ट को उम्मीद है मामले में काउंसलिंग के माध्यम से समझौता हो जाएगा।