क्लास में बैठकर छतरी के नीचे पढ़ते हैं बच्चे, बरसात में ऐसा हुआ सरकारी स्कूल का हाल
बागपत। बारिश ने सरकारी स्कूलों की पोल खोलकर रख दी है। लगातार कई दिनों की बारिश से छतो से पानी टपकने लगा। जगह-जगह बाल्टी लगाकर पानी को फैलने से रोका जा रहा है। छात्र अपने घर से लाये छातों से किताबों और खुद को भीगने से बचा रहे हैं। बागपत के प्राथमिक व
बागपत। बारिश ने सरकारी स्कूलों की पोल खोलकर रख दी है। लगातार कई दिनों की बारिश से छतो से पानी टपकने लगा। जगह-जगह बाल्टी लगाकर पानी को फैलने से रोका जा रहा है। छात्र अपने घर से लाये छातों से किताबों और खुद को भीगने से बचा रहे हैं।
बागपत के प्राथमिक विद्यालय 3 में साढ़े छह सौ बच्चे पढ़ते हैं। जबकि यहां केवल 6 कमरे हैं। जिनमें से दो कमरों की छते दरक चुकी है।
बीएसए से कई बार शिकायत भी की जा चुकी है। मरम्मत और निर्माण के लिये सरकार से पैसा आया भी लेकिन निर्माण नहीं हुआ और पैसा वापस चला गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानाचार्य कल्पना त्यागी का कहना है कि वो इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों को कई बार कर चुकी है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है और आजतक इस जर्जर विद्यालय को सही नहीं कराया गया। बच्चे इसी तरह बरसात के मौसम में छतरी लेकर आते है और पढ़ाई करते है।
बागपत के प्राथमिक विद्यालय 3 में साढ़े छह सौ बच्चे पढ़ते हैं। जबकि यहां केवल 6 कमरे हैं। जिनमें से दो कमरों की छते दरक चुकी है।
बीएसए से कई बार शिकायत भी की जा चुकी है। मरम्मत और निर्माण के लिये सरकार से पैसा आया भी लेकिन निर्माण नहीं हुआ और पैसा वापस चला गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानाचार्य कल्पना त्यागी का कहना है कि वो इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों को कई बार कर चुकी है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है और आजतक इस जर्जर विद्यालय को सही नहीं कराया गया। बच्चे इसी तरह बरसात के मौसम में छतरी लेकर आते है और पढ़ाई करते है।