पद्मश्री सम्मान लौटाना चाहते हैं दैतारी
ओडिशा के दैतारी नायक याद हैं? दुनिया इन्हें ‘माउंटेन मांझी’ और ‘कैनाल मैन’ के नाम से भी पहचानती है। 70 साल की उम्र में 3 किलोमीटर लंबा पहाड़ चीरकर सिंचाई के लिए एक नहर खोदने वाले दैतारी अपना पद्मश्री सम्मान लौटाना चाहते हैं। यह सम्मान उन्हें इसी साल
ओडिशा के दैतारी नायक याद हैं? दुनिया इन्हें ‘माउंटेन मांझी’ और ‘कैनाल मैन’ के नाम से भी पहचानती है। 70 साल की उम्र में 3 किलोमीटर लंबा पहाड़ चीरकर सिंचाई के लिए एक नहर खोदने वाले दैतारी अपना पद्मश्री सम्मान लौटाना चाहते हैं।
यह सम्मान उन्हें इसी साल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिया था। लेकिन इस सम्मान से उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिली। वह गरीब हैं। उन्हें कोई काम नहीं दे रहा। बस किसी तरह वो तेंदू के पत्ते और आम पापड़ बेचकर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं।
यह सम्मान उन्हें इसी साल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिया था। लेकिन इस सम्मान से उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिली। वह गरीब हैं। उन्हें कोई काम नहीं दे रहा। बस किसी तरह वो तेंदू के पत्ते और आम पापड़ बेचकर अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं।
"The Padma Shri award didn't help me in any ways, rather people are not giving me any work now. We are selling kendu leaves & 'amba sadha' (mango papad) to eke out a living," alleges Daitari Naik who single-handedly carved a 3-km-long canal from a mountain stream #Odisha pic.twitter.com/2sX0tV6w7N— OTV (@otvnews) 24 June 2019