नोटबंदी का जवाब BJP को वोटबंदी से दे अवामः अखिलेश
मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार को विजय संकल्प रैली के बयानों का सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने भाजपा सरकार के जनता विरोधी निर्णयों का जिक्र कर अवाम से नोटबंदी
मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार को विजय संकल्प रैली के बयानों का सिलसिलेवार जवाब दिया। उन्होंने भाजपा सरकार के जनता विरोधी निर्णयों का जिक्र कर अवाम से नोटबंदी का जवाब भाजपा को वोटबंदी के रूप में देने की अपील की।
शहर के जीआईसी मैदान में गठबंधन प्रत्याशी डा. एसटी हसन के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे अखिलेेश यादव ने कहा कि बीजेपी समझ नहीं पा रही है। यह महामिलावटी गठबंधन गठबंधन नहीं, बल्कि महागठबंधन है, जो देश में महापरिवर्तन लाएगा। सभी उपचुनाव में गठबंधन जीता और पहले चरण में भी गठबंधन प्रत्याशियों पर वोटों की बरसात हुई है। इससे भाजपा नेता बौखला चुके हैं। उनको नाम भी याद नहीं है, हमको बबुआ बोलने लगे हैं। शुक्रिया घर के सबसे प्यारे बच्चे को बबुआ कहते हैं।
उन्होंने कहा कि गठबंधन का गठन नफरतों और दिलों के बीच की दूरियां दूर करने के लिए किया गया है। इस बीच किसानों की दुखती नब्ज पर हाथ रखकर कहा कि खाद की बोरी में 5 किलो खाद की चोरी। ऐसे में कुर्सी छीन लेना चाहिए। उन्होंने जनसभा में कभी प्रधानमंत्री का नाम लेकर तो कभी इशारों में खूब तंज किया। कहा कि अच्छे दिन आए नहीं, चाय वाले बनकर आए थे, बिना दूध के चाय अच्छी नहीं लगती।
इस बीच नोटबंदी का हवाला देकर पीतल कारीगरों से लेकर निर्यातकों को भी गठबंधन के लिए रिझाने का प्रयास किया। कहा कि नोटबंदी से रोजी रोटी छिन गई। बर्बाद लोग आज तक खुशहाल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि रुपये काला सफेद नहीं लेनदेन काला सफेद होता है। उन्होंने कहा कि संविधान पर खतरा है। इसको बचाने के लिए चुनाव है। इस अवसर पर विधायक हाजी इकराम कुरेशी, नवाबजान खां, फईम अहमद, नासिर कुरेशी आदि थे।
शहर के जीआईसी मैदान में गठबंधन प्रत्याशी डा. एसटी हसन के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे अखिलेेश यादव ने कहा कि बीजेपी समझ नहीं पा रही है। यह महामिलावटी गठबंधन गठबंधन नहीं, बल्कि महागठबंधन है, जो देश में महापरिवर्तन लाएगा। सभी उपचुनाव में गठबंधन जीता और पहले चरण में भी गठबंधन प्रत्याशियों पर वोटों की बरसात हुई है। इससे भाजपा नेता बौखला चुके हैं। उनको नाम भी याद नहीं है, हमको बबुआ बोलने लगे हैं। शुक्रिया घर के सबसे प्यारे बच्चे को बबुआ कहते हैं।
उन्होंने कहा कि गठबंधन का गठन नफरतों और दिलों के बीच की दूरियां दूर करने के लिए किया गया है। इस बीच किसानों की दुखती नब्ज पर हाथ रखकर कहा कि खाद की बोरी में 5 किलो खाद की चोरी। ऐसे में कुर्सी छीन लेना चाहिए। उन्होंने जनसभा में कभी प्रधानमंत्री का नाम लेकर तो कभी इशारों में खूब तंज किया। कहा कि अच्छे दिन आए नहीं, चाय वाले बनकर आए थे, बिना दूध के चाय अच्छी नहीं लगती।
इस बीच नोटबंदी का हवाला देकर पीतल कारीगरों से लेकर निर्यातकों को भी गठबंधन के लिए रिझाने का प्रयास किया। कहा कि नोटबंदी से रोजी रोटी छिन गई। बर्बाद लोग आज तक खुशहाल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि रुपये काला सफेद नहीं लेनदेन काला सफेद होता है। उन्होंने कहा कि संविधान पर खतरा है। इसको बचाने के लिए चुनाव है। इस अवसर पर विधायक हाजी इकराम कुरेशी, नवाबजान खां, फईम अहमद, नासिर कुरेशी आदि थे।