निराशा इंसान को पीछे करती है, आशा इंसान को आगे बढ़ाती है: चेतन भगत
रायपुर। आंत्रप्रयोनशिप आर्गनाइजेशन के आयोजन में शनिवार को पहुंचे बेस्ट बुक सेलर चेतन भगत ने युवाओं को मोटिवेट किया। उन्होंने कहा कि निराशा इंसान को पीछे करती है, वहीं आशा इंसान को आगे बढ़ाती है। आपको तय करना है कि किस दिशा को चुनना है। निराशा चुनना ह
रायपुर। आंत्रप्रयोनशिप आर्गनाइजेशन के आयोजन में शनिवार को पहुंचे बेस्ट बुक सेलर चेतन भगत ने युवाओं को मोटिवेट किया। उन्होंने कहा कि निराशा इंसान को पीछे करती है, वहीं आशा इंसान को आगे बढ़ाती है। आपको तय करना है कि किस दिशा को चुनना है।
निराशा चुनना है तो एक सौ पच्चीस करोड़ की आबादी वाले देश में किसी छोटे से शहर में गुमनाम जिंदगी जीते रहो। वहीं आशा के साथ आगे बढ़ना चाहते हो तो पूरे विश्व के पटल पर अपना नाम बना सकते हो। नई दुइया की रिपोर्ट के अनुसार भगत ने कहा कि मैं अच्छा राइटर या फिर बुक आर्थर नहीं हूं। मुझसे बेहतर भी देश में राइटर हैं, लेकिन मुझे मार्केटिंग करनी आती थी। मैेंने अपनी लेखनी को लोगों के बीच पहुंचाया। इसका नतीजा है कि आपके सामने खड़ा हूं। नहीं तो आपकी तरह किसी और व्यक्ति को मैं भी सुनता रहता।
आप रोजाना एक जैसा खाना नहीं खा सकते। इसका कारण है कि आपको एक जैसा स्वाद पसंद नहीं आता। उसी तरह अपने काम में भी बदलाव किया करो। बदलाव जरूरी है, वह आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। आप मुझे ही देख सकते हैं कि मैंने आइआइटी से पढ़ाई की फिर आइआइएम में पहुंचा।
उसके बाद एक बुक राइटर बन गया, जो लोगों की नजरों में असफलता थी। मैंने लोगों को गलत साबित किया और असफलता को सफलता में बदल दिया।
निराशा चुनना है तो एक सौ पच्चीस करोड़ की आबादी वाले देश में किसी छोटे से शहर में गुमनाम जिंदगी जीते रहो। वहीं आशा के साथ आगे बढ़ना चाहते हो तो पूरे विश्व के पटल पर अपना नाम बना सकते हो। नई दुइया की रिपोर्ट के अनुसार भगत ने कहा कि मैं अच्छा राइटर या फिर बुक आर्थर नहीं हूं। मुझसे बेहतर भी देश में राइटर हैं, लेकिन मुझे मार्केटिंग करनी आती थी। मैेंने अपनी लेखनी को लोगों के बीच पहुंचाया। इसका नतीजा है कि आपके सामने खड़ा हूं। नहीं तो आपकी तरह किसी और व्यक्ति को मैं भी सुनता रहता।
आप रोजाना एक जैसा खाना नहीं खा सकते। इसका कारण है कि आपको एक जैसा स्वाद पसंद नहीं आता। उसी तरह अपने काम में भी बदलाव किया करो। बदलाव जरूरी है, वह आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। आप मुझे ही देख सकते हैं कि मैंने आइआइटी से पढ़ाई की फिर आइआइएम में पहुंचा।
उसके बाद एक बुक राइटर बन गया, जो लोगों की नजरों में असफलता थी। मैंने लोगों को गलत साबित किया और असफलता को सफलता में बदल दिया।
कौन कहता है कि अपने हाथों की लकीर बदली नहीं जा सकती, बशर्त आपकी इच्छा शक्ति कितनी है, ये मायने रखती है। जीवन में कभी कुछ सीखना है तो काकरोच से सीखो, जो अंधेरे में रहता है। न तो उसे ठंड लगती है, न ही पानी में बहने का डर रहता है। बस वह हर परिस्थिति में अपने आपको ढाल लेता है।
चेतन भगत