दिव्यांग भाई को गोद में उठाकर स्कूल ले जाती है डिंपल...

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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दिव्यांग भाई को गोद में उठाकर स्कूल ले जाती है डिंपल...

16 साल का दिव्यांग योगेश। ख्वाब लेक्चरर बनना, मगर जिंदगी घर की दहलीज तक सिमट गई। ऐसे में उसकी छोटी बहन डिंपल ने भाई की पूरी जिम्मेदारी संभाली। भाई के सपने पूरे हों, इसके लिए वह योगेश को रोज गोद में स्कूल लाती और ले जाती है। दोनों भाई- बहन गांव की सर


दिव्यांग भाई को गोद में उठाकर स्कूल ले जाती है डिंपल...16 साल का दिव्यांग योगेश। ख्वाब लेक्चरर बनना, मगर जिंदगी घर की दहलीज तक सिमट गई। ऐसे में उसकी छोटी बहन डिंपल ने भाई की पूरी जिम्मेदारी संभाली। भाई के सपने पूरे हों, इसके लिए वह योगेश को रोज गोद में स्कूल लाती और ले जाती है। दोनों भाई- बहन गांव की सरकारी स्कूल में 11वीं कक्षा में पढ़ रहे हैं।

नीमकाथाना के सांवलपुरा गुजरान तन हाथीदेह (अजीतगढ़) के योगेश शर्मा को बचपन में गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया। काफी इलाज करवाया, लेकिन वह चल-फिर नहीं सका। पिता चाय की दुकान चलाते हैं। मां मनरेगा श्रमिक है। परिवार के पास कमाई का दूसरा कोई जरिया नहीं है।

इसके बावजूद डिंपल ने हार नहीं मानी। उसने ठान लिया कि भाई की कमजोरी को उसके सपने पर हावी नहीं हाेने देगी। परिजनों के मुताबिक डिंपल योगेश को स्कूल तो लेकर जाती ही है, उसकी देखरेख भी वह ही करती है। स्कूल लाने और ले जाने में दूसरा भाई भी सहयोग करता है। वह भी इसी स्कूल में पढ़ता है। दसवीं में 67% अंक हासिल किए

योगेश ने दसवीं में 67 प्रतिशत अंक हासिल किए। परीक्षा के दौरान परिवार में मौत होने से उसकी पढ़ाई भी बाधित हुई थी, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। वह इसका पूरा श्रेय डिंपल को देता है। पेट की तकलीफ होने पर योगेश भैया का ऑपरेशन करवाया था। उसके बाद वह सही नहीं हुआ। वो लेक्चरर बनना चाहता है। उसके सपनों को मैं पूरा करूंगी। उसे ट्राई साइकिल मिली, लेकिन गांव की ऊबड़-खाबड़ रोड पर उसे चलाना मुश्किल है।