कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर पार्टी में कलह, सोनिया समेत कई बड़े नेता कुछ मुद्दों पर नाराज

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कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर पार्टी में कलह, सोनिया समेत कई बड़े नेता कुछ मुद्दों पर नाराज

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में देशद्रोह कानून का जिक्र कर कांग्रेस फंसती नजर आ रही है। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस देश के खिलाफ बात करने वालों का साथ दे रही है। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। जिसमें न्याय, क


कांग्रेस के घोषणा पत्र को लेकर पार्टी में कलह, सोनिया समेत कई बड़े नेता कुछ मुद्दों पर नाराज नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में देशद्रोह कानून का जिक्र कर कांग्रेस फंसती नजर आ रही है। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस देश के खिलाफ बात करने वालों का साथ दे रही है।
लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। जिसमें न्याय, किसान बजट, महिला आरक्षण सहित विभिन्न घोषणाओं के जरिए कांग्रेस आम जनता का हाथ थामने की कोशिश में है, लेकिन इसी घोषणापत्र में कांग्रेस ने देशद्रोह कानून बदलने की बात करके भाजपा को हमलावर होने का मौका दिया है,बल्कि कांग्रेस के अंदर भी इस पर दो फाड़ के आसार से लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में देशद्रोह कानून का जिक्र कर कांग्रेस फंसती नजर आ रही है। भाजपा का आरोप है की कांग्रेस देश के खिलाफ बात करने वालों का साथ दे रही है। जबकि कांग्रेस की चुनौती ये है कि पार्टी के नेता अब दबी जुबान में कहने लगे हैं कि भाजपा को बैठे बिठाए इसका सियाशी फायदा हो सकता है।. पार्टी के कई नेता अब दबी जुबान में इसके लिए पीण् चिदंबरम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। कुछ लोगों का ये भी मानना था कि जब भाजपा राष्ट्रवाद को चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बनाना चाह रही है ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडे संवेदनशील मुद्दे से छेड़छाड़ नहीं करना ही समझदारी थी। वहीं यूपीए सरकार में विदेश मंत्री रहे एसएम कृष्णा ने भी कहा है कि वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चुनौतियां हैं, उसको देखते हुए इस कानून में बदलाव खतरनाक होगा। कांग्रेस की दलील है कि ये अंग्रेजों के जमाने का कानून है और समय के साथ इसमें बदलाव जरूरी था। वहीं पार्टी का आरोप है कि पिछले पांच सालों में मोदी सरकार ने इस कानून की आड़ में फ्रीडम ऑफ स्पीच को दबाने और लोगों को प्रताडि़त करने का काम किया है।
देशद्रोही कानून में बदलाव अंतर्कलह पर चर्चा
कांग्रेस के एक बड़े नेता की माने तो कांग्रेस घोषणापत्र कमिटी के प्रमुख पीण् चिदंबरम पहले भी अपने निजी आर्टिकल्स के जरिए देशद्रोह कानून के खिलाफ  लिखते रहे हैं, जिसे कांग्रेस ने कभी पार्टी की राय नहीं मानी। चिदंबरम ने घोषणापत्र प्रमुख होने के नाते इस मुद्दे को आखिरी वक्त में मेनिफेस्टो में शामिल करा लिया। कांग्रेस के कई नेताओं ने घोषणापत्र आने से पहले पत्र लिखकर देशद्रोह कानून को मेनिफेस्टो में नहीं शामिल करने की मांग की थी। नेताओं की दलील ये भी है कि जब देश की जनता 370 यानि देशद्रोह का मुद्दा भूल चुकी है, ऐसे में कांग्रेस इसे घोषणा पत्र में लाकर क्यों जिंदा कर दिया?