गर्मी के साथ बढऩे लगा पेयजल संकट

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गर्मी के साथ बढऩे लगा पेयजल संकट

विकासनगर। गर्मी बढऩे के साथ ही जौनसार के गांवों में पेयजल का संकट भी गहराने लगा है। प्राकृतिक स्रोतों का जल स्तर लगातार घटता जा रहा है। जिससे पेयजल लाइने सूखी पड़ती जा रही है। जिससे गांवों में पेयजल का संकट खड़ा हो गया है। स्रोतों व पेयजल योजनाओं पर


गर्मी के साथ बढऩे लगा पेयजल संकट
विकासनगर।  गर्मी बढऩे के साथ ही जौनसार के गांवों में पेयजल का संकट भी गहराने लगा है। प्राकृतिक स्रोतों का जल स्तर लगातार घटता जा रहा है। जिससे पेयजल लाइने सूखी पड़ती जा रही है। जिससे गांवों में पेयजल का संकट खड़ा हो गया है। स्रोतों व पेयजल योजनाओं पर पानी न मिलने के कारण ग्रामीण बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। ग्रामीणों को एक से डेढ़ किमी दूर पैदल जाकर खड्ड के पानी से हलक तर करने पड़ रहे हैं।

ग्रामीणों ने एसडीएम से जलापूर्ति सुचारु कराने की मांग की है।गर्मी बढऩे के साथ ही प्राकृतिक जलस्रोत भी सूखने लगे हैं। जिसके चलते पेयजल योजनाओं पर जलापूर्ति ठप होने लगी है। जिससे गांवों में पानी का संकट खड़ा होने लगा है। साहिया क्षेत्र के सुरेऊ, भंजरा, उभरेऊ, दातनु, उदपालटा, अलसी, नागथात, माखटी, चामडी, किमोटा आदि गांव में इन दिनों पानी का संकट बना हुआ है। ग्रामीणों को एक से डेढ किमी से अधिक की दूरी तय कर खड्ड से पानी लाकर अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है।

ग्रामीण अतर सिंह, मेहर सिंह, श्याम सिंह आदि का कहना है कि जौनसार बावर के गांवों में मई और जून महीने में पानी की बहुत दिक्कत खड़ी हो जाती है। ग्रामीणों ने एसडीएम कालसी से गुहार लगाई है कि गांवों में जलापूर्ति सुचारु कराने के लिए टैंकर से जलापूर्ति सुचारु कराने के लिए जलसंस्थान को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाय। इस संबंध में एसडीएम कालसी अपूर्वा सिंह का कहना है कि जितने गांवों से पानी की शिकायत आई है वहां जल संस्थान को टैंकरों से जलापूर्ति करने के पहले ही निर्देश दे दिए गये हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का संकट खड़ा नहीं होने दिया जायेगा।