बिजली कंपनी में करोड़ों की कमाई फिर भी बार-बार छा जाता है अंधेरा

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बिजली कंपनी में करोड़ों की कमाई फिर भी बार-बार छा जाता है अंधेरा

जगदलपुर। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के सत्तासीन होने के बाद स्थानीय विद्युत वितरण कंपनी में कार्यप्रणाली ही परिवर्तित हो गई है और जब चाहे तब लोगों के घरों में अंधेरा छा जाता है। इस वर्ष के प्रारंभ से क्षेत्र के लोग बिजली के मामले में यही स्थिति दे


बिजली कंपनी में करोड़ों की कमाई फिर भी बार-बार छा जाता है अंधेरा
जगदलपुर। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के सत्तासीन होने के बाद स्थानीय विद्युत वितरण कंपनी में कार्यप्रणाली ही परिवर्तित हो गई है और जब चाहे तब लोगों के घरों में अंधेरा छा जाता है। इस वर्ष के प्रारंभ से क्षेत्र के लोग बिजली के मामले में यही स्थिति देख रहे हैं। 
बिजली कंपनी को शहर के ग्राहकों से तीन करोड़ रूपया का राजस्व प्राप्त होता है लेकिन शहर की बिजली जब चाहे तब आती है और जब चाहे तब चली जाती है। इसकी मनमर्जी यहां चल रही है। विद्युत वितरण के लिए उचित देखभाल और रखरखाव आवश्यक है, जिसकी विद्युत वितरण कंपनी में लगातार उपेक्षा की जा रही है। पैबंध लगाकर और जुगाड़ स्थापित कर विद्युत वितरण को सुगम बनाने इस कंपनी में कार्य किया जा रहा है। जबकि दूसरी ओर कंपनी में आवश्यक उपकरण और स्टाफ की कमी बताकर लोगों को अपनी ओर से साफ छवि बताने की कोशिश की जा  रही है।
 इस संबंध में यह विशेष तथ्य है कि पूरे शहर में बिजली की शिकायत सुनने और आवश्यक सुधार के लिए चार तकनीशियन ही नियुक्त हैं और कुछ ठेके पर काम करने वाले कर्मचारी हैं। बिजली कंपनी मेंटेनेंस के नाम पर जब चाहे तब बिजली का प्रवाह बंद कर लोगों को भ्रमित करते हैं जबकि मेंटेनेंस के बाद भी बिजली क्यों चली जाती है यह लोगों के समझ में नहीं आता। विद्युत आपूर्ति के लिए जिले भर में 26 उपकेंद्र हैं। यहां शहर में 132, 33 केव्ही उपकेंद्र से बिजली प्रवाह की जाती है और थोड़ी सी तेज हवा से ही बिजली प्रवाह अवरूद्ध हो जाता है। इस प्रकार विद्युत वितरण कंपनी की कार्यप्रणाली लोगों के समझ में नहीं आ रही है।