ED ने बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में रतुल पुरी को गिरफ्तार किया

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ED ने बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में रतुल पुरी को गिरफ्तार किया

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे और उद्योगपति रतुल पुरी को निदेशालय ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 354 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में सीबीआई ने शनिवार को मामला दर्ज किया था। रतुल को मं


ED ने बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में रतुल पुरी को गिरफ्तार किया
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे और उद्योगपति रतुल पुरी को निदेशालय ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 354 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। 
इस मामले में सीबीआई ने शनिवार को मामला दर्ज किया था। रतुल को मंगलवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया। रतुल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे हैं।
बता दें, नीता पुरी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की बहन हैं और रतुल पुरी कमलनाथ के भांजे हैं। वहीं, अगस्ता वेस्टलैंड मामले में रतुल पुरी को अग्रिम जमानत मिली हुई है।
मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ के भांजे और मोजर बेयर के तत्कालीन कार्यकारी निदेशक रतुल पुरी के खिलाफ शनिवार को सीबीआई ने केस दर्ज किया था। ये मामला सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 354.51 करोड़ रुपये की चपत लगाने से जुड़ा है।
रतुल के अलावा एमबीआईएल के प्रबंध निदेशक दीपक पुरी, कंपनी में पूर्णकालिक निदेशक उनकी पत्नी नीता पुरी, एमबीआईएल के पूर्व कार्यकारी निदेशक रतुल पुरी, निदेशक संजय जैन, विनीत शर्मा और अन्य अज्ञात सरकारी सेवकों और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक दुर्व्यव्यवहार और आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया था।
रतुल पुरी अगस्ता वेस्टलैंड मामले में जांच के घेरे में हैं। रतुल पुरी पर उनकी कंपनी के जरिए कथित तौर पर रिश्वत लेने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि रतुल पुरी की स्वामित्व वाली कंपनी से जुड़े खातों का उपयोग रिश्वत की रकम लेने के लिए किया गया। अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील 3,600 करोड़ रुपये के मनी  लॉन्ड्रिंग का मामला है।   
भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए एंग्लो-इतालवी कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ करार किया गया था। यह करार साल 2010 में 3 हजार 600 करोड़ रुपये का था, लेकिन जनवरी 2014 में भारत सरकार ने इस करार को रद्द कर दिया था।
आरोप है कि इस करार में 360 करोड़ रुपये का कमीशन दिया गया था। इस मामले में रतुल पुरी का भी नाम सामने आया था। लेकिन हालांकि इस केस में आरोपी से सरकारी गवाह बने राजीव सक्सेना ने पूछताछ में रतुल पुरी का नाम छिपा लिया था।