देशभर में ईद आज, तल्खी की कड़वाहट को मिठास में बदल देती हैं सेवाइयां

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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देशभर में ईद आज, तल्खी की कड़वाहट को मिठास में बदल देती हैं सेवाइयां

मुहम्मद फैज़ान | faizan@upuklive.com आज देश भर में ईद का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। ईद उल फितर अरबी भाषा का शब्द है। ईद का तात्पर्य है खुशी, फितर का अभिप्राय है दान। इस प्रकार ईद उल फितर ऐसा दान-पर्व है, जिसमें खुशी बांटी जाती है तथा जो आर्थि


देशभर में ईद आज, तल्खी की कड़वाहट को मिठास में बदल देती हैं सेवाइयांमुहम्मद फैज़ान | faizan@upuklive.com  
आज देश भर में ईद का त्यौहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। ईद उल फितर अरबी भाषा का शब्द है। ईद का तात्पर्य है खुशी, फितर का अभिप्राय है दान। इस प्रकार ईद उल फितर ऐसा दान-पर्व है, जिसमें खुशी बांटी जाती है तथा जो आर्थिक दृष्टि से इतने क मजोर हैं कि उन्हें रोटी-रोजी के भी लाले पड़े हैं और खुशी जिनके लिए ख्वाब की तरह होती है।
देशभर में ईद आज, तल्खी की कड़वाहट को मिठास में बदल देती हैं सेवाइयां
ऐसे वास्तविक जरूरतमंद लोगों को फितरा (दान) देकर उनके ख्वाब को हकीकत में बदला जाता है और वे भी खुशी मनाने के काबिल हो जाते हैं। फितरा अदा करने के शरीअत में निर्धारित मापदंड हैं। ईद उल फितर का त्यौहार रमज़ान माह के खत्म होने पर चांद दिखने पर मनाया जाता है।
देशभर में ईद आज, तल्खी की कड़वाहट को मिठास में बदल देती हैं सेवाइयां
सेवइयों में लिपटी मोहब्बत की मिठास का त्यौहार ईद-उल-फितर भूख प्यास सहन करके एक महीने तक सिर्फ खुदा की इबादत में मशगूल रहने वाले रोज़ेदारों को अल्लाह का इनाम है। इस दिन विभिन्न धर्मों के लोग गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे से गले मिलते हैं और सेवाइयां अमूमन उनकी तल्खी की कड़वाहट को मिठास में बदल देती हैं।
देशभर में ईद आज, तल्खी की कड़वाहट को मिठास में बदल देती हैं सेवाइयां
फितरा व जकात देना जरूरी
ईद मनाने से पहले फितरा और जकात निकाल देना चाहिए। जो कोई फितरा नहीं निकालता वह ईद की नमाज पढ़ने ईदगाह में जाने के योग्य नहीं। फितरा अनाथ, मजलूम और गरीबों को दी जाती है। जकात आय का 40वां भाग माना जाता है। फितरा एक निश्चित वजन में अनाज (मुख्यत: गेहूं) के रूप में होता है अथवा उस अनाज की कीमत के रूप में धन राशि होती है। जिस किसी के पास साढ़े सात तौला सोना, 52.5 तोले चांदी या इनमें से किसी एक के बराबर रकम अपनी जरूरत के अलावा रखता हो, उसपर जकात वाजिब है।
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हाइटेक युग की हाइटेक बधाइयां

हाइटेक युग में ईद की बधाइयां भी हाइटेक हो चुकी हैं। इधर चांद दिखा उधर लोगों के फोन बजने शुरू हो गए। कॉल के साथ-साथ ही लोगों ने वाट्सएप और ईमेल द्वारा भी ईद की बधाइयां दीं। यह सिलसिला आज ईद के दिन भी जारी है। उधर काफी लोगों ने कई वेबसाइटों द्वारा संचालित फ्यूचर ग्रीटिंग सेवा द्वारा कई दिन पहले ही अपनी शुभकामनाएं सेव कर दीं थी, जो ईद के दिन उनके प्रियजनों को मिल जाएंगी। लेकिन दुनिया कितनी भी हाइटेक क्यों न हो जाए, गले मिल कर ईद की बधाई देने का तो मजा ही कुछ और है। आपको भी ईद मुबारक।