रेलवे के खाने में बुजुर्ग को मिली 'छिपकली'
70 साल के सुरेंद्र पाल नाम के बुजुर्ग ने फ्री का खाना खाने के लिए ऐसी चाल चली जिसे जान रेलवे अधिकारियों के होश उड़ गए। कुछ दिनों पहले सुरेंद्र पाल ने जब जबलपुर रेलवे स्टेशन पर समोसा लिया तो उसमें छिपकली निकली। 70 वर्षीय ने इसकी शिकायत दर्ज कराई। पेंट
70 साल के सुरेंद्र पाल नाम के बुजुर्ग ने फ्री का खाना खाने के लिए ऐसी चाल चली जिसे जान रेलवे अधिकारियों के होश उड़ गए। कुछ दिनों पहले सुरेंद्र पाल ने जब जबलपुर रेलवे स्टेशन पर समोसा लिया तो उसमें छिपकली निकली। 70 वर्षीय ने इसकी शिकायत दर्ज कराई। पेंट्री ने माफी मांगते हुए उन्हें मुफ्त में खाना खिलाया।
इसके बाद फिर गंटकल रेलवे स्टेशन पर उन्होंने बिरयानी में छिपकली होने की शिकायत दर्ज कराई। लगातार दो बार एक ही शख्स के खाने में छिपकली निकलने की वजह से रेल अधिकारियों को सुरेंद्र पाल पर शक हुआ। रेल अधिकारियों ने खाना परोसने वाले कर्मचारियों को सुरेंद्र का वीडियो बनाने को कहा।
अधिकारियों ने जब वीडियो देखा तो उनके होश उड़ गए। वीडियो देख उन्हें समझ आ गया कि मुफ्त में खाना पाने के लिए सुरेंद्र ये चाल चल रहे थे। अधिकारियों ने बात को साझा करते हुए कहा कि लगता है वो ऐसा काफी समय से कर रहे हैं। सुरेंद्र पाल से जब पूछताछ हुई तो उन्होंने सारी सच्चाई बता दी।
सुरेंद्र का कहना है कि एक मानसिक रोगी हैं। दरअसल, जिसे वे छिपकली बताते थे वह एक छोटी मछली थी जिसे मानसिक रोग दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बुजुर्ग का दावा है कि वह मानसिक रूप से अस्थिर हैं और उन्हें ब्लड कैंसर भी है। शख्स की उम्र का ख्याल रखते हुए प्रशासन ने उन्हें कोई सजा नहीं दी लेकिन उन्हें समझाया कि ऐसा करना गलत है।
इसके बाद फिर गंटकल रेलवे स्टेशन पर उन्होंने बिरयानी में छिपकली होने की शिकायत दर्ज कराई। लगातार दो बार एक ही शख्स के खाने में छिपकली निकलने की वजह से रेल अधिकारियों को सुरेंद्र पाल पर शक हुआ। रेल अधिकारियों ने खाना परोसने वाले कर्मचारियों को सुरेंद्र का वीडियो बनाने को कहा।
अधिकारियों ने जब वीडियो देखा तो उनके होश उड़ गए। वीडियो देख उन्हें समझ आ गया कि मुफ्त में खाना पाने के लिए सुरेंद्र ये चाल चल रहे थे। अधिकारियों ने बात को साझा करते हुए कहा कि लगता है वो ऐसा काफी समय से कर रहे हैं। सुरेंद्र पाल से जब पूछताछ हुई तो उन्होंने सारी सच्चाई बता दी।
सुरेंद्र का कहना है कि एक मानसिक रोगी हैं। दरअसल, जिसे वे छिपकली बताते थे वह एक छोटी मछली थी जिसे मानसिक रोग दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बुजुर्ग का दावा है कि वह मानसिक रूप से अस्थिर हैं और उन्हें ब्लड कैंसर भी है। शख्स की उम्र का ख्याल रखते हुए प्रशासन ने उन्हें कोई सजा नहीं दी लेकिन उन्हें समझाया कि ऐसा करना गलत है।
Guntakal Division— DRM Guntakal (@drmgtl) 23 July 2019
In joint operation one conman was caught who was fleecing the Railway Caterers by claiming lizard in food. He confessed his crime. He did similar trick in Jabalpur Division. Please beware of such elements, who bring Railways in bad light. @SCRailwayIndia pic.twitter.com/pZCX8LfzUd