किसान ने खेती मे दवाइयों का उपयोग न करने का बनाया मन

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किसान ने खेती मे दवाइयों का उपयोग न करने का बनाया मन

वसीम अब्बासी, मुरादाबाद। देश भर मे जैविक कृषि के जनक माने जाने वाले पदम् श्री सम्मान पा चुके सुभाष पालेकर से प्रेरित होकर मुरादाबाद का एक किसान इन दिनों कृषि मे जैविक खेती को अपनाकर नए आयाम स्थापित कर रहा है।यह किसान लगभग अपनी 100 बीघा कृषि भूमि पर


किसान ने खेती मे दवाइयों का उपयोग न करने का बनाया मन
वसीम अब्बासी, मुरादाबाद। देश भर मे जैविक कृषि के जनक माने जाने वाले पदम् श्री सम्मान पा चुके सुभाष पालेकर से प्रेरित होकर मुरादाबाद का एक किसान इन दिनों कृषि मे जैविक खेती को अपनाकर नए आयाम स्थापित कर रहा है।यह किसान लगभग अपनी 100 बीघा कृषि भूमि पर तरह-तरह फ़सल उगाने का लक्ष्य बनाए खेती मे एक अलग पहचान स्थापित कर रहा है।किसान की अनोखी पहल आस-पास के क्षेत्र मे चर्चा का विषय बनी हुई है।

ज़िला मुरादाबाद के तहसील ठाकुरद्वारा क्षेत्र के ग्राम लालू वाला निवासी धर्मवीर नामक किसान धान, गेंहू, गन्ना समेत कई फसलों की जैविक खेती के माध्यम से पैदावार कर रहे हैं, धर्मवीर ने इस बारे मे जानकारी देते हुऐ बताया कि एक तरफ जहाँ उन्हें पदम् श्री पा चुके जैविक कृषि के जनक सुभाष पालेकर से प्रेरणा मिली तो वही दूसरी तरफ़ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा कही गयी ज़ीरो बजट खेती की बात सुनकर उन्होंने खेती मे दवाइयों का उपयोग न करने का मन बनाकर जैविक खेती का रुख किया जिसका परिणाम आज उनके सामने है। धर्मवीर सिहँ के मुताबिक़ पेस्टिसाइज दवाए एक तरफ़ जहाँ कृषि भूमि से उसकी पैदावार की क्षमता को धीरे-धीरे छीन रहीं है तो वहीं दूसरी तरफ महंगी पेस्टिसाइज दवाए व रसायन खाद से ग़रीब किसान की जेब पर भी भारी असर पड़ता है।

गौरतलब है कि जैविक खेती मे अपनी अलग पहचान स्थापित करने वाले धर्मवीर का रुझान जैविक क्रिया से की जाने वाली खेती की तरफ़ इस क़दर हुआ कि वह " मदर डेयरी" मे सीनियर मैनेजर की पोस्ट को छोड़कर गाँव लौट आए और जैविक खेती के माध्यम से आज लोगों के लिए एक प्रेरणा बने हुऐ है। धर्मवीर सिहँ का दावा है कि वह गाय के गौबर, गुड़ व चने के बेसन से जो जैविक खाद तैयार करते है वह रसायन खाद के मुकाबले फसल को कहीं ज्यादा बेहतर बनाता है।

उनका दावा है कि जैविक खाद लगने के बाद फ़सल मे कोई भी बीमारी लगने का डर भी नही रहता। जैविक खाद तैयार करने के लिए बक़ायदा धर्मवीर सिहँ ने लाल सिंधी,दोगली साईवाल, साई वाल ब्रेड,ग्रिर हरियाणा नामक प्रजातियों की गाय पाल रखी है। धर्मवीर सिहँ को पूर्ण विश्वास है कि एक दिन बड़ी संख्या मे लोग जैविक खेती को अपनी  कृषि प्रणाली मे लागू करेंगे और लाभ भी उठाएंगे।