बेटी का निकाहनामा लेकर भटक रहा पिता, जेल में बंद है दामाद...
श्रीनगर। नजीर अहमद बट हर दिन श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव में अखबारों के कार्यालय में हाथ में अपनी बेटी का निकाहनामा लिए चक्कर लगाते हैं। दरअसल उनकी बेटी की शादी हाल में ही होनी थी लेकिन उनके दामाद को अभी भी जेल में रखा गया है. नजीर अहमद हर दिन अखबारों
श्रीनगर। नजीर अहमद बट हर दिन श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव में अखबारों के कार्यालय में हाथ में अपनी बेटी का निकाहनामा लिए चक्कर लगाते हैं।
दरअसल उनकी बेटी की शादी हाल में ही होनी थी लेकिन उनके दामाद को अभी भी जेल में रखा गया है. नजीर अहमद हर दिन अखबारों के दफ्तर में पहुंचते हैं और अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि उनके दामाद को शादी के लिए जल्द से जल्द रिहा कर दिया जाए।
उत्तरी कश्मीर में बारामूला जिले के रफियाबाद क्षेत्र के रहने वाले नजीर अहमद हर दिन सुबह करीब 60 किलोमीटर का सफर कर श्रीनगर आते हैं। न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के अनुसार नजीर अहमद ने बताया कि उनके एक रिश्तेदार ने सुझाव दिया था कि समाचार पत्रों में अपील करने से उनकी मदद हो सकती है।
नजीर अहमद ने बताया कि यह उनकी आखिरी उम्मीद है. नजीर अहमद की बेटी का निकाह पहले ही हो चुका है और 8 सितंबर को उसकी रुखसती तय हुई थी. नजीर अहमद का परिवार पिछले छह महीने से शादी की तैयारी कर रहा था. बारात की तैयारी भी पूरी कर ली गई थी, लेकिन दामाद के न होने के कारण सब बेकार हो गया।
दरअसल उनकी बेटी की शादी हाल में ही होनी थी लेकिन उनके दामाद को अभी भी जेल में रखा गया है. नजीर अहमद हर दिन अखबारों के दफ्तर में पहुंचते हैं और अधिकारियों से अनुरोध करते हैं कि उनके दामाद को शादी के लिए जल्द से जल्द रिहा कर दिया जाए।
उत्तरी कश्मीर में बारामूला जिले के रफियाबाद क्षेत्र के रहने वाले नजीर अहमद हर दिन सुबह करीब 60 किलोमीटर का सफर कर श्रीनगर आते हैं। न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के अनुसार नजीर अहमद ने बताया कि उनके एक रिश्तेदार ने सुझाव दिया था कि समाचार पत्रों में अपील करने से उनकी मदद हो सकती है।
नजीर अहमद ने बताया कि यह उनकी आखिरी उम्मीद है. नजीर अहमद की बेटी का निकाह पहले ही हो चुका है और 8 सितंबर को उसकी रुखसती तय हुई थी. नजीर अहमद का परिवार पिछले छह महीने से शादी की तैयारी कर रहा था. बारात की तैयारी भी पूरी कर ली गई थी, लेकिन दामाद के न होने के कारण सब बेकार हो गया।