सौम्य व्यवहार के लिए याद की गई पूर्व डीजीपी कंचन चौधरी
जसपुर। 15 साल पहले जनता दरबार में समस्यायें सुनने आई राज्य की पहली महिला डीजीपी रही कंचन चौधरी भट्टाचार्य को उनके निधन पर लोगों ने उनके व्यवहार के लिए याद किया। लोगों ने उनके सौम्य व्यवहार पर चर्चा की। बता दें कि राज्य बनने के बाद पहली महिला डीजीपी
जसपुर। 15 साल पहले जनता दरबार में समस्यायें सुनने आई राज्य की पहली महिला डीजीपी रही कंचन चौधरी भट्टाचार्य को उनके निधन पर लोगों ने उनके व्यवहार के लिए याद किया। लोगों ने उनके सौम्य व्यवहार पर चर्चा की।
बता दें कि राज्य बनने के बाद पहली महिला डीजीपी के रूप में तैनात हुई कंचन चौधरी भट्टाचार्य वर्ष २००४ में पहली बार जसपुर थाने आई थी। डीजीपी के रूप में किसी अफसर का जसपुर थाने में यह पहला दौरा था। डीजीपी के आने से जहां एक और पुलिस अफसरों में हड़कंप मचा हुआ था। वहीं, डीजीपी ने लोगों की समस्यायें सुनकर अपने सौम्य व्यवहार का परिचय दिया था।
इस दौरान डीजीपी ने लोगों को भरोसा दिलाया था कि पुलिस,नागरिकों की हर संभव मदद करेगी। उन्होंने पुलिस अफसरों को भी जनता का भरोसा जीतने को कहा था। करीब दो घंटे तक थाने में रही डीजीपी लोगों से रूबरू होती रही। मंगलवार को उनके निधन पर लोगों ने उनके व्यहार को याद कर उनकी कार्यशैली का जिक्र किया।
बता दें कि राज्य बनने के बाद पहली महिला डीजीपी के रूप में तैनात हुई कंचन चौधरी भट्टाचार्य वर्ष २००४ में पहली बार जसपुर थाने आई थी। डीजीपी के रूप में किसी अफसर का जसपुर थाने में यह पहला दौरा था। डीजीपी के आने से जहां एक और पुलिस अफसरों में हड़कंप मचा हुआ था। वहीं, डीजीपी ने लोगों की समस्यायें सुनकर अपने सौम्य व्यवहार का परिचय दिया था।
इस दौरान डीजीपी ने लोगों को भरोसा दिलाया था कि पुलिस,नागरिकों की हर संभव मदद करेगी। उन्होंने पुलिस अफसरों को भी जनता का भरोसा जीतने को कहा था। करीब दो घंटे तक थाने में रही डीजीपी लोगों से रूबरू होती रही। मंगलवार को उनके निधन पर लोगों ने उनके व्यहार को याद कर उनकी कार्यशैली का जिक्र किया।