देश के सम्मान हेतु बलिदान करने वाले सैनिकों को नहीं भूलेगा कृतज्ञ राष्ट्र: राजनाथ

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देश के सम्मान हेतु बलिदान करने वाले सैनिकों को नहीं भूलेगा कृतज्ञ राष्ट्र: राजनाथ

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में कारगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (नेशनल वार मेमोरियल) पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने आगंतुक पुस्तिका में एक संदेश लि


देश के सम्मान हेतु बलिदान करने वाले सैनिकों को नहीं भूलेगा कृतज्ञ राष्ट्र: राजनाथ
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में कारगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ के अवसर पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (नेशनल वार मेमोरियल) पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने आगंतुक पुस्तिका में एक संदेश लिखा। रक्षा मंत्री ने आगंतुक पुस्तिका में लिखा, 'भारत के सम्मान, प्रतिष्ठा एवं गर्व के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले कारगिल युद्ध के बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि। उनका पराक्रम और त्याग प्रत्येक भारतवासी के लिए प्रेरणादायक है। कारगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ पर, हम यह संकल्प लेते है कि कृतज्ञ राष्ट्र देश के सम्मान के लिए सर्वोच्च बलिदान करने वाले सैनिकों को कभी नहीं भूलेगा।
रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक, उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबू, नौसेना उप-प्रमुख वाइस एडमिरल जी. अशोक कुमार एवं वायुसेना उप-प्रमुख एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने भी 'ऑपरेशन विजय' के वीरों के साहस, पराक्रम एवं बलिदान के लिए उनके सम्मान में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पुष्प अर्पित किए।
भारत-पाकिस्तान के बीच मई-जुलाई, 1999 के दौरान पश्चिम में जोजिला से लेकर पूर्व में तूरतोक तक नियंत्रण रेखा के निकट सबसे दुर्गम क्षेत्र में कारगिल युद्ध हुआ था। पाकिस्तान द्वारा अपने सैनिकों का घुसपैठ करा कर, खाली किए गए महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा करके, राष्ट्रीय राजमार्ग की सुरक्षा की अनदेखी करने के अलावा राष्ट्र की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करके इस विवाद की पृष्ठभूमि तैयार की गई थी।
भारतीय सेना के सैनिकों ने अदम्य साहस और सहनशीलता का प्रदर्शित करते हुए 12,000 फुट से अधिक ऊंचाइयों पर द्रास, काकसर, बटालिक और तूरतोक सेक्टरों में युद्ध किया और पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार भगाया। भारतीय वायु सेना ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान करते हुए सैन्य कार्रवाई में सहायता की थी।