आर्टिकल 370 और 35ए पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को लेकर आज बड़ा दिन है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। दरअसल, अनुच्छेद 3
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को लेकर आज बड़ा दिन है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। दरअसल, अनुच्छेद 370 से जुड़े मामले में अब तक कुल 10 याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। एक वकील की ओर से दायर याचिका में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को लेकर जारी की गई अधिसूचना को असंवैधानिक बताया गया है।
दूसरी ओर आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक भी है, बताया जा रहा है कि मोदी सरकार कश्मीर के लिए बड़ा ऐलान कर सकती है।
खाली पड़े सीटों को भरने और रोड सेक्टर से मिल रही चुनौतीयों से निपटने के लिए भारतीय रेल ने यात्री किराए में छूट देने का फैसला किया है। यह छूट शताब्दी एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस, तेजस एक्सप्रेस, डबल डेकर और इंटरसिटी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के एसी और चेयरकार में मिलेगी। इसके तहत चुनिंदा रूट की ट्रेनों के बेस किराए में 25 फीसदी तक छूट दी जाएगी।
साथ ही इसको लेकर एक गाइडलाइन भी जारी की गई है और इसी के तहत ट्रेनों और उनके रूट का चयन किया जाएगा। पिछले एक साल में किसी ट्रेन की ऑक्यूपेंसी अगर उस रूट की ऑक्यूपेंसी से कम हो या फिर किसी खास दो स्टेशनों के बीच में कम हो तो उस आधार पर किराए में छूट दी जाएगी। मसलन दिल्ली से चलने वाली लखनऊ शताब्दी में कानपुर से लखनऊ के बीच बहुत सी सीटें खाली जाती हैं. ऐसे में रेलवे उस सेक्शन में यात्री किराए में छूट देगा।
दिल्ली से अजमेर के बीच में चलने वाली अजमेर शताब्दी में जयपुर से अजमेर के बीच में सीटें खाली रहती हैं। इसका बड़ा कारण जयपुर से अजमेर के बीच में यात्रियों की पहली पसंद लक्सरी बसे हैं। ऐसे में रेलवे उस रूट पर बसों से कम किराया ऑफर कर यात्रियों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश में लगा है।
हाल के दिनों में देश में बढ़ते एक्सप्रेस वे का नेटवर्क और सड़कों पर दौड़ती आधुनिक आरामदेह बसें रेलवे के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरी हैं। वही रेलवे के प्रिमियम ट्रेनों में फेलेक्सी फेयर की वजह से इसके किराए में भारी बढ़ौतरी हो जाती है। ऐसे में यात्रियों के लिए कई रूट पर सड़क से सफर करना पहली पसंद है। खासकर कुहरे के दिनों में ट्रेनों का घंटों लेट होना भी रेलवे से यात्रियों के दूर होने की एक वजह है। ऐसे में भारतीय रेल मुसाफिरों को लुभाने के लिए छूट का सहारा ले रही है।
दूसरी ओर आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक भी है, बताया जा रहा है कि मोदी सरकार कश्मीर के लिए बड़ा ऐलान कर सकती है।
खाली पड़े सीटों को भरने और रोड सेक्टर से मिल रही चुनौतीयों से निपटने के लिए भारतीय रेल ने यात्री किराए में छूट देने का फैसला किया है। यह छूट शताब्दी एक्सप्रेस, गतिमान एक्सप्रेस, तेजस एक्सप्रेस, डबल डेकर और इंटरसिटी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के एसी और चेयरकार में मिलेगी। इसके तहत चुनिंदा रूट की ट्रेनों के बेस किराए में 25 फीसदी तक छूट दी जाएगी।
साथ ही इसको लेकर एक गाइडलाइन भी जारी की गई है और इसी के तहत ट्रेनों और उनके रूट का चयन किया जाएगा। पिछले एक साल में किसी ट्रेन की ऑक्यूपेंसी अगर उस रूट की ऑक्यूपेंसी से कम हो या फिर किसी खास दो स्टेशनों के बीच में कम हो तो उस आधार पर किराए में छूट दी जाएगी। मसलन दिल्ली से चलने वाली लखनऊ शताब्दी में कानपुर से लखनऊ के बीच बहुत सी सीटें खाली जाती हैं. ऐसे में रेलवे उस सेक्शन में यात्री किराए में छूट देगा।
दिल्ली से अजमेर के बीच में चलने वाली अजमेर शताब्दी में जयपुर से अजमेर के बीच में सीटें खाली रहती हैं। इसका बड़ा कारण जयपुर से अजमेर के बीच में यात्रियों की पहली पसंद लक्सरी बसे हैं। ऐसे में रेलवे उस रूट पर बसों से कम किराया ऑफर कर यात्रियों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश में लगा है।
हाल के दिनों में देश में बढ़ते एक्सप्रेस वे का नेटवर्क और सड़कों पर दौड़ती आधुनिक आरामदेह बसें रेलवे के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरी हैं। वही रेलवे के प्रिमियम ट्रेनों में फेलेक्सी फेयर की वजह से इसके किराए में भारी बढ़ौतरी हो जाती है। ऐसे में यात्रियों के लिए कई रूट पर सड़क से सफर करना पहली पसंद है। खासकर कुहरे के दिनों में ट्रेनों का घंटों लेट होना भी रेलवे से यात्रियों के दूर होने की एक वजह है। ऐसे में भारतीय रेल मुसाफिरों को लुभाने के लिए छूट का सहारा ले रही है।