महिला टीचर के इलाज के लिए आगे आए विदेशों में बसे उसके पुराने छात्र...

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महिला टीचर के इलाज के लिए आगे आए विदेशों में बसे उसके पुराने छात्र...

मुंबई के एक स्कूल में केमिस्ट्री पढ़ाने वाली 48 वर्षीया शिक्षिका कैंसर से पीड़ित थी जिसकी मदद के लिए देश-विदेश में बैठे उसके कई पुराने छात्र सामने आ गए। शिक्षिका के इलाज के लिए उसके पूर्व छात्रों ने क्राउड फंडिंग के माध्यम से पैसे जुटाने का काम किया औ


महिला टीचर के इलाज के लिए आगे आए विदेशों में बसे उसके पुराने छात्र...
मुंबई के एक स्कूल में केमिस्ट्री पढ़ाने वाली 48 वर्षीया शिक्षिका कैंसर से पीड़ित थी जिसकी मदद के लिए देश-विदेश में बैठे उसके कई पुराने छात्र सामने आ गए। शिक्षिका के इलाज के लिए उसके पूर्व छात्रों ने क्राउड फंडिंग के माध्यम से पैसे जुटाने का काम किया और अब तक 5 लाख रुपये से ज्यादा की रकम जुटाई जा चुकी है। 48 वर्षीय फातिमा कनीज़ tongue कैंसर से जूझ रही हैं।

शिक्षिका के लिए क्राउड फंडिंग कैंपेन शुरू करने वाली उनकी पूर्व छात्रा मानसवी गुप्ता कहती हैं, “जूपिटर अस्पताल में फातिमा की सर्जरी के बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी और उन्हें आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ा। अस्पताल का बिल 9.5 लाख को पार कर गया, लेकिन अधिकारियों ने उसे भुगतान करने के लिए कुछ और समय देने पर सहमति व्यक्त की। डॉक्टरों की राय है कि उपचार के दौरान बिल बढ़ सकता है।” गुप्ता ने कहा कि फातिमा की हालत को देखते हुए उसे कुछ और महीनों तक वेंटिलेटर पर रखा जा सकता है।

मानसवी गुप्ता ने बताया कि चूंकि उनकी शिक्षिका एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती है, जिसमें उनका बेटा और 75 वर्षीय माँ शामिल हैं। इसलिए उनके लिए अकेले चिकित्सा खर्च वहन करना मुश्किल होगा। इसलिए उसने अभियान शुरू करने का फैसला किया। वह अबतक इस माध्यम से 5 लाख रुपयेजुटाने में सफल रही है, जिसमें योगदान ज्यादातर शिक्षिका फातिमा के पूर्व छात्रों द्वारा किया गया है।

अस्पताल के एक चिकित्सक ने बताया, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि वह जीवित रहें। हम आमतौर पर मरीजों को ऐसी विषम परिस्थितियों में बिल भुगतान करने के लिए मजबूर नहीं करते हैं। अस्पताल सहयोग कर रहा है। डॉक्टर के अनुसार अस्पताल का बिल 20 लाख रुपये को पार कर सकता है।