सवाल पूछना अशिष्टता कैसे, सवाल तो बार-बार उठेंगे : कांग्रेस

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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सवाल पूछना अशिष्टता कैसे, सवाल तो बार-बार उठेंगे : कांग्रेस

रायपुर। भाजपा नेता पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल द्वारा दिये गये बयान का कांग्रेस ने कड़ा प्रतिवाद किया है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने पूछा कि सवाल पूछना कब से अशिष्टता हो गया? सवाल तो लोकतंत्र को और मजबूत बनाते है। सत्ता


सवाल पूछना अशिष्टता कैसे, सवाल तो बार-बार उठेंगे : कांग्रेसरायपुर। भाजपा नेता पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल द्वारा दिये गये बयान का कांग्रेस ने कड़ा प्रतिवाद किया है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने पूछा कि सवाल पूछना कब से अशिष्टता हो गया? सवाल तो लोकतंत्र को और मजबूत बनाते है। सत्ता में बैठा हुआ व्यक्ति यदि सवालों से डर रहा है तो इसका सीधा मतलब है वह जन सरोकारों से भाग रहा है।
अपनी नाकामियों को छुपाना चाह रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री से सवाल ही तो पूछा था, इसका जवाब देने के बजाय मोदी और भाजपा तिलमिला क्यों गये? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पूछे गये सवाल वही तो है जो आज देश और छत्तीसगढ़ की जनता उनसे जानना चाहती है। भाजपा को यदि सवाल पूछना अशिष्टता और अमर्यादित आचरण लगता है तो कांग्रेस इस आचरण का दोहराव बार-बार करेगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोदी से उनके 2014 के चुनावी वायदों और उनके निर्णयों पर ही तो सवाल पूछा है, हर के खाते में 15 लाख, किसानों को समर्थन मूल्य बढ़ाना, हर साल 2 करोड़ रोजगार, नोटबंदी के फायदे, जीएसटी से व्यापार की तबाही, बढ़ती महंगाई, पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस के बढ़ते दाम, शिक्षा खर्च पर कटौती, नक्सल नियंत्रण की असफलता इन्हीं का तो जवाब मुख्यमंत्री ने मोदी से मांगा था। जनता से जुड़े ये वही सवाल है जिन्हें नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी छद्म राष्ट्रवाद के आवरण के तले ढांकना चाहती है। बृजमोहन कांग्रेस को भाषा की मर्यादा सिखाने के बजाय भाजपा नेताओं के बयानों को पढ़े उन्हें फर्क दिख जायेगा, अभद्रता किसकी भाषा में है।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बृजमोहन कांग्रेस पर बदलापुर की राजनीति का आरोप लगा रहे है। बृजमोहन बतायें यदि कांग्रेस सरकार बदलापुर की राजनीति करती तो जलकी फार्म हाउस मामले में अभी तक उन पर कार्यवाही नहीं हो गयी होती? मंत्री पद से हटने के बाद वे मंत्री के लिये आबंटित बंगले पर कब्जा जमाये बैठे हैं उसे खाली नहीं करवा लिया जाता?
गरीबों के राशन में नान जैसा घोटाला भाजपा की सरकार में हो जाता है बृजमोहन उसी सरकार में प्रभावशाली मंत्री थे, उनकी नाक के नीचे रमन सिंह के दामाद गरीबों के ईलाज के लिये बन रहे डीकेएस अस्पताल में करोड़ों की घपलेबाजी कर लेता है। मुख्यमंत्री के पुत्र का नाम पनामा पेपर में विदेशों में कालाधन जमा करने वालों की सूची में आता है। इन घोटालों से प्रदेश का नाम बदनाम हुआ था या जनता के सवालों का प्रधानमंत्री से जवाब मांगने में कैसे प्रदेश का नाम बदनाम होगा? गरीबों की बिजली बिल आधा करने में या किसानों को धान की कीमत पूरे देश में सबसे अधिक 2500 रू. देने में प्रदेश का तो पूरे देश में नाम ऊंचा हुआ है। भाजपा राज में कर्ज से आत्महत्या करने को मजबूर किसानों की ऋणमाफी करने से यदि बृजमोहन और भाजपा को प्रदेश की बदनामी दिखती है तो ऐसी मानसिकता और यह नामदारी भाजपा को ही मुबारक। कांग्रेस जनसरोकारों से जुड़े मुद्दों को आगे भी उठायेगी।