सरल स्वभाव की IAS स्नेहलता पंवार आयुर्वेद विभाग के निदेशक पद से रिटायर

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सरल स्वभाव की IAS स्नेहलता पंवार आयुर्वेद विभाग के निदेशक पद से रिटायर

एसपी मित्तल भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी श्रीमती स्नेहलता पंवार 28 जून को राजस्थान आयुर्वेद विभाग के निदेशक के पद से रिटायर हो गईं। हालांकि सरकारी कागजों में वे 30 जून को सेवानिवृत्त मानी जाएंगी, लेकिन 29 और 30 जून को शनिवार और रविवार का


सरल स्वभाव की IAS स्नेहलता पंवार आयुर्वेद विभाग के निदेशक पद से रिटायर
एसपी मित्तल 
भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी श्रीमती स्नेहलता पंवार 28 जून को राजस्थान आयुर्वेद विभाग के निदेशक के पद से रिटायर हो गईं। हालांकि सरकारी कागजों में वे 30 जून को सेवानिवृत्त मानी जाएंगी,  लेकिन 29 और 30 जून को शनिवार और रविवार का अवकाश है, इसलिए अजमेर स्थित निदेशालय के स्टाफ ने 28 जून को ही विदाई समारोह रखा।

विदाई समारोह में निदेशालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने एक स्वर से कहा कि श्रीमती पंवार सरल स्वभाव की अधिकारी हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों के उदगार सुनकर पंवार भी भाव विभोर हो गई। उन्होंने 34 वर्ष के सेवाकाल में उन्हें सबसे ज्यादा आत्मीयता आयुर्वेद निदेशालय में ही मिली। यह एक संयोग ही है कि 1987 में पंवार ने पहली नियुक्ति अजमेर जिले की सिलोरा पंचायत समिति में बीडीओ के पद पर नियुक्त होकर हासिल की और सेवानिवृत्त भी अजमेर से ही हो रही हैं।

हालांकि उन्होंने उदयपुर और चित्तौड़ जिलों में विभिन्न पदों पर 13 वर्षों तक कार्य किया। राज्य प्रशासनिक सेवा में रहते हुए पंवार अजमेर, उदयपुर और जोधपुर की सिटी मजिस्ट्रेट रहीं। अजमेर के भाजपा नेता धर्मेश जैन जब नगर सुधार न्यास के अध्यक्ष थे, तब पंवार आयुक्त थीं। दोनों के बीच विवादों की खबरें भी रही। 2016 में पंवार की पदोन्नति आईएएस के पद पर हो गई, लेकिन उनकी वरिष्ठता को 2006 से ही आंका गया। यही वजह है कि सेवा निवृत्ति के मौके पर पंवार सलेक्शन स्केल की आईएएस हैं।

चूंकि श्रीमती पंवार अपने मिजाज की हैं और राजनेताओं से दूर ही रहती हैं, इसलिए आयुर्वेद विभाग के निदेशाक के पद से ही रिटायर हो रही है। सलेक्शन स्केल का और कोई आईएएस होता तो जयपुर में किसी विभाग का शासन सचिव बन जाता। पंवार तो इस बात से ही खुश हैं कि 2016 में मिली पदोन्नति को 2006 से आंका गया है। कई आईएएस को तो इस वरिष्ठता के लिए अदालतों की शरण लेनी पड़ी है।