इमाम हुसैन ने परेशानियों में भी सब्र का दामन नहीं छोड़ा

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इमाम हुसैन ने परेशानियों में भी सब्र का दामन नहीं छोड़ा

जसपुर। मोहर्रम को लेकर हुए तकरीरी प्रोग्राम में उलेमाओं ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने परेशानियों में भी सब्र का दामन नहीं छोड़ा। लिहाजा मुस्लिम भी परेशानियों से न घबराये। वह कुराने पाक की तिलावत कर नमाजों को पाबंदी से पढ़े। नईबस्ती स्थित आयाश मस्जिद मे


इमाम हुसैन ने परेशानियों में भी सब्र का दामन नहीं छोड़ा
जसपुर। मोहर्रम को लेकर हुए तकरीरी प्रोग्राम में उलेमाओं ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन ने परेशानियों में भी सब्र का दामन नहीं छोड़ा। लिहाजा मुस्लिम भी परेशानियों से न घबराये। वह कुराने पाक की तिलावत कर नमाजों को पाबंदी से पढ़े।

नईबस्ती स्थित आयाश मस्जिद में बदरूलऊलूम के प्रधानाचार्य मोलाना असीरूददीन ने कहा कि जरूरत है इमाम हुसैन की शीरत पढ़ने उनकी जिदंगी के बारे लेने की। तथा उनकी जिदंगी को अपनी जिदंगी बनाया जाये। उन्होंने मोमिनों से आपस में मुहब्बत से रहने दुख दर्द में साथ देने का आहवान किया।

वहीं, इससे पहले जामा मस्जिद चैक पर आयोजित शहीद ए आजम कांफ्रेंस में उलेमाओं ने हजरत इमाम हुसैन, हजरत अली, जेनुल आबदीन आदि करबला के शहीदों को याद कर उनके बताए रास्ते पर चलने का आहवान किया। राजस्थान से आए मुफ्ती इश्हाकउलहक ने कहा कि वक्त का तकाजा है कि लोगों में एकता, भाईचारा होना जरूरी है। तमाम परेशानियों से निजात पाने को खुद को ठीक करें।

लोगों ने इस्लाह कराये। मुफती मो. सलीम इलाहाबादी ने कहा कि इमाम हुसैन को दौलत की जरूरत नहीं थी। उन्होंने दीन के लिए सबकुछ कुर्बान कर दिया। यहॉ मौलाना असीरूद्दीन, मुफ्ती मो.इजराइल, मौलाना इस्तखार, मौलाना मो़ उस्मान, मौलाना शुएब,कारी इकरार, मो़ नाजिम, नईम अहमद, मो.अफसर, नसीम अहमद, शाहिद हुसैन आदि मौजूद रहे।

आज रात निकलेंगी मेहंदी
जसपुर। सोमवार को मोहर्रम की नवीं तारीख है। शाम को तकिये वाली मस्जिद से ताजिये निकाले जायेंगे। देर रात को मेंहदी निकाली जायेगी। मंगलवार शाम को मोहर्रम का पर्व सादगी से मनाया जायेगा।