निर्वाचन कार्य में रिटर्निंग ऑफि सर से लेकर पीठासीन अधिकारी तक महिलाओं की अहम भूमिका

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निर्वाचन कार्य में रिटर्निंग ऑफि सर से लेकर पीठासीन अधिकारी तक महिलाओं की अहम भूमिका

लोकसभा आम निर्वाचन-2019 के दौरान छत्तीसगढ़ प्रदेश की महिलाएं भी अपनी मजबूत और अहम भूमिका में हैं। प्रदेश की महिलाएं लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने के लिए निर्वाचन में हिस्सा ले रही हैं । दूसरी ओर निर्वाचन को स्वतंत्र, पारदर्शी और निष्पक्ष रूप में संपन


निर्वाचन कार्य में रिटर्निंग ऑफि सर से लेकर पीठासीन अधिकारी तक महिलाओं की अहम भूमिका
लोकसभा आम निर्वाचन-2019 के दौरान छत्तीसगढ़ प्रदेश की महिलाएं भी अपनी मजबूत और अहम भूमिका में हैं। प्रदेश की महिलाएं लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने के लिए निर्वाचन में हिस्सा ले रही हैं । दूसरी ओर निर्वाचन को स्वतंत्र, पारदर्शी और निष्पक्ष रूप में संपन्न कराने के लिए प्रदेश की महिला अधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हो रही हैं। प्रदेश में तीन चरणों में हो रहे निर्वाचन के दौरान रिटर्निंग अधिकारी से लेकर मतदान दल के सदस्य के रूप में महिलाएं अपनी सशक्त भूमिका में हैं।
प्रदेश में 11 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए 166 अभ्यर्थी अपना राजनीतिक भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें 23 महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं। दूसरी तरफ निर्वाचन की व्यापक तैयारी और इसके सफल संचालन के लिए महिला अधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में हिस्सा ले रहीं हैं। इन महिलाओं में एक रिटर्निंग अधिकारी, नौ सहायक रिटर्निंग अधिकारी समेत 11 हजार 197 महिला मतदान कर्मी शामिल हैं। प्रदेश में निर्वाचन को सुगमता, सहजता और सफलतापूर्वक संचालित तथा समन्वित करने वाले मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, सहायक मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी स्तर पर भी महिला अधिकारी बड़ी जिम्मेदारी निभा रही हैं।
लोकसभा निर्वाचन के दौरान कलेक्टर सह रिटर्निंग अधिकारी कोरबा लोकसभा क्षेत्र में निर्वाचन गतिविधियों को संचालित कर रही हैं। इसके अतिरिक्त कुल 11 लोकसभा क्षेत्र में 9 सहायक रिटर्निंग अधिकारी,कुल 23 हजार 727 मतदान केन्द्रों में दो हजार 682 पीठासीन अधिकारी तथा 8 हजार 515 महिला मतदान कर्मी शामिल हैं। महिलाओं को मतदान के प्रति प्रेरित करने के लिए पूरे प्रदेश में 406 संगवारी मतदान केन्द्र स्थापित किए गए हैं, जिसमें मतदान दल के सभी सदस्य महिला हैं।
प्रथम चरण में बस्तर में हो रहे मतदान के लिए एक हजार 880 मतदान केन्द्रों के लिए में 80 महिला पीठासीन अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, वहीं मतदान दल के नौ हजार 145 अन्य सदस्यों  में से 373 महिला कार्मिक शामिल हैं। बस्तर जैसे दुर्गम तथा माओवाद प्रभावित क्षेत्र में जिस प्रकार से महिला अधिकारी कर्मचारी साहसपूर्वक निर्वाचन कार्य में हिस्सा ले रही हैं, वह अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा है।