इस मस्जिद में लगती है जिन्नातों की कचहरी, दुआ भी कबूल होने का दावा...

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इस मस्जिद में लगती है जिन्नातों की कचहरी, दुआ भी कबूल होने का दावा...

नई दिल्ली। संसार में ऐसी जगहों की तो वैसे कमी नहीं है जहां कुछ न कुछ अजीब और अविश्वसनीय हो। फिर चाहे वो भानगढ़ का किला हो या फिर मिश्र के पिरामिड। कहा जाता है की संसार में भूतों और बुरी शक्तियों का अस्तित्व बहुत पुराने ज़माने से रहा है। हर बार किसी न


इस मस्जिद में लगती है जिन्नातों की कचहरी, दुआ भी कबूल होने का दावा...नई दिल्ली। संसार में ऐसी जगहों की तो वैसे कमी नहीं है जहां कुछ न कुछ अजीब और अविश्वसनीय हो। फिर चाहे वो भानगढ़ का किला हो या फिर मिश्र के पिरामिड।

कहा जाता है की संसार में भूतों और बुरी शक्तियों का अस्तित्व बहुत पुराने ज़माने से रहा है। हर बार किसी न किसी के मुंह से हमे ऐसी कहानियां सुनने को मिल जाती हैं।

आज हम आप को ऐसी ही एक इमारत के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने अजीबो गरीब किस्सों की वजह से मशहूर है। कहा जाता है यही वो जगह है जहां जिन्नातों की कचहरी लगती है और यहां बुरी शक्तियां जो लोगों को परेशान करती हैं उनको सजा भी सुनाई जाती है।

जी हां हम आपको बात करने जा रहे हैं दिल्ली के फिरोजशाह कोटला में स्थित जामी मस्जिद की। जिसे मुग़ल काल में सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने बनवाया था। अब ये इमारत लगभग खंडहर में तब्दील हो चुकी है।

कहा जाता है कि जब पुराने ज़माने से इमारत में कोई रहने वाला नहीं बचा तब इस इमारत को जिन्नों ने अपना बसेरा बना लिया। यहां के लोगों का मानना है कि यहां जिन्नों का बसेरा बहुत पुराने समय से है और पुराने लोगों की मानें तो उन्होंने कई बार यहां जिन्नों को नमाज पढ़ते और घूमते  देखा  है। कहा जाता है की जिस जगह 14 दिनों तक कोई नहीं जाता वहां ये शक्तियां अपना बसेरा बना लेती हैं।

यहां आने वाले लोग बताते हैं कि वो अपनी परेशानियाँ एक कागज पर लिखकर यहां रखते हैं और अपनी परेशानी दूर होने की दुआ मांगते हैं। इनमें से कुछ लोगों की दुआ कबूल भी होती है और कहते हैं की यहां बुरी शक्तियों को सजा भी मिलती है। इन सभी तथ्यों से हम किसी भी अन्धविश्वास को बढावा नहीं देना चाहते, केवल आपकी जानकारी से लिए ये खबर प्रकाशित की गयी है।