इस तरह आपको भी मालामाल बना सकती है छोटी-छोटी सेविंग्स!
जब भी बात स्टॉक मार्केट में निवेश की आती है तो आम आदमी तो थोड़ा हिचकिचा जरूर जाता है क्योंकि इसमें रिस्क काफी माना जाता है लेकिन अगर आप सोच समझ कर निवेश करें तो आपको नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा. दरअसल इसका बकायदा एक तरीका है जिसके बारे में कई बार
जब भी बात स्टॉक मार्केट में निवेश की आती है तो आम आदमी तो थोड़ा हिचकिचा जरूर जाता है क्योंकि इसमें रिस्क काफी माना जाता है लेकिन अगर आप सोच समझ कर निवेश करें तो आपको नुकसान का सामना नहीं करना पड़ेगा.
दरअसल इसका बकायदा एक तरीका है जिसके बारे में कई बार आप अपने दोस्तों या परिचितों से सुना होगा. दरअसल हम बात कर रहे हैं SIP की.
हालांकि ये SIP है क्या? और इसके फायदे क्या हैं जिसकी वजह से यह निवेशकों के बीच इतना पॉपुलर हो चुका है. इस सब के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं एसआईपी के बारे में सबकुछ..
आपको बता दें कि SIP यानी कि सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान दरअसल इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने का सबसे बेहतरीन तरीका है. बता दें कि इसमें आप हर महीने 500 रुपए के छोटे निवेश से भी शुरुआत कर सकते हैं. दरअसल, सिप के जरिए म्यूचुअल फंड की यूनिट्स का खरीद वैल्यू ऐवरेज हो जाती है.
मालूम हो कि इससे लॉन्ग टर्म में आपको बेहतर रिटर्न मिलने उम्मीद रहती है. दरअसल सिप के जरिए निवेश करने से बाजार के उतार-चढ़ाव से जुड़ा जोखिम काफी कम होता है. आपको बता दें कि जब बाजार में तेजी होती है तो आपको कम यूनिट अलॉट किए जाते हैं और जब बाजार में गिरावट आती है तो आपके निवेश की उतनी ही रकम में ज्यादा यूनिट मिल जाती हैं.
हमारा आपको सुझाव है कि निवेश से पहले आप अपने वित्तीय विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
दरअसल इसका बकायदा एक तरीका है जिसके बारे में कई बार आप अपने दोस्तों या परिचितों से सुना होगा. दरअसल हम बात कर रहे हैं SIP की.
हालांकि ये SIP है क्या? और इसके फायदे क्या हैं जिसकी वजह से यह निवेशकों के बीच इतना पॉपुलर हो चुका है. इस सब के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं एसआईपी के बारे में सबकुछ..
आपको बता दें कि SIP यानी कि सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान दरअसल इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने का सबसे बेहतरीन तरीका है. बता दें कि इसमें आप हर महीने 500 रुपए के छोटे निवेश से भी शुरुआत कर सकते हैं. दरअसल, सिप के जरिए म्यूचुअल फंड की यूनिट्स का खरीद वैल्यू ऐवरेज हो जाती है.
मालूम हो कि इससे लॉन्ग टर्म में आपको बेहतर रिटर्न मिलने उम्मीद रहती है. दरअसल सिप के जरिए निवेश करने से बाजार के उतार-चढ़ाव से जुड़ा जोखिम काफी कम होता है. आपको बता दें कि जब बाजार में तेजी होती है तो आपको कम यूनिट अलॉट किए जाते हैं और जब बाजार में गिरावट आती है तो आपके निवेश की उतनी ही रकम में ज्यादा यूनिट मिल जाती हैं.
हमारा आपको सुझाव है कि निवेश से पहले आप अपने वित्तीय विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।