भारत ब्रिटेन के साथ गहरा अनुबंध करने उत्सुक : गोयल

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भारत ब्रिटेन के साथ गहरा अनुबंध करने उत्सुक : गोयल

केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत सरकार श्रेष्ठ टेक्नोलॉजी के साथ अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को भारत आकर निवेश करने के लिए मजबूती और विश्वास प्रदान करने के लिए चौतरफा सुझावों को ध्यान में रखे हुए है। लंदन में कल रा


भारत ब्रिटेन के साथ गहरा अनुबंध करने उत्सुक : गोयल
केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत सरकार श्रेष्ठ टेक्नोलॉजी के साथ अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों को भारत आकर निवेश करने के लिए मजबूती और विश्वास प्रदान करने के लिए चौतरफा सुझावों को ध्यान में रखे हुए है। लंदन में कल रात प्रवासी भारतीयों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय समुदाय ने भारत और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्थाओं में योगदान देकर भारत को गौरवान्वित किया है और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाया है।
प्रवासी भारतीयों के साथ एक घंटे की बातचीत के दौरान वाणिज्य मंत्री ने नवनिर्वाचित सरकार की रणनीति और उसकी प्राथमिकताओं की जानकारी दी। अपने पहले कार्यकाल के दौरान सरकार की प्राथमिकता आवास, बिजली, रसोई गैस और वित्तीय समावेशन जैसी आम आदमी की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करना था, जिसका सबसे निचले स्तर के नागरिक के जीवन पर भी प्रभाव पड़ा और अंतर देखने को मिला।
  पीयूष गोयल ने भारत दिवस के कार्यक्रम को बेहद महत्वपूर्ण बताया, जिसमें वह वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन द्वारा केन्द्रीय बजट-2019-10 में वित्तीय कंपनियों के लिए घोषित प्रोत्साहनों की जानकारी दे सकेंगे। वाणिज्य मंत्री भारत दिवस के कार्यक्रमों को 15 जुलाई की शाम संबोधित करेंगे, जहां वित्तीय कंपनियों के विचारक भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि वे भारत के वित्तीय क्षेत्र खासतौर से गुजरात के गांधीनगर के नजदीक, गुजरात अंतर्राष्ट्रीय वित्त टेक-सिटी की चर्चा करेंगे।
    ब्रिटेन और अमरीका के साथ व्यापार के बारे में वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत आमने-सामने बैठकर दोनों देशों के साथ साझा बैठक स्थल का पता लगाएगा। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से प्रत्येक पक्ष के लिए समझौता करना काफी कठिन है, लेकिन व्यावसायिक कारोबार अथवा एक अच्छा समझौता करते समय किसी भी परेशानी को दूर करना असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक देश को अपने राष्ट्रीय हितों, वैधानिक प्रभुसत्ता और अपने नागरिकों की रक्षा करनी चाहिए।
    पीयूष गोयल ने कहा कि एफटीए ने 2009-10 में भारत में प्रवेश किया और इनमें से कुछ परेशानी खड़ी कर रहे हैं, जिसके कारण अब भारत पुराने बोझ को उतार कर आगे बढऩे के लिए अमरीका की तरफ देख रहा है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि ब्रिटेन की अपनी तीन दिन की यात्रा के दौरान उन्होंने सरकार के नेताओं और अधिकारियों के साथ यह जानकारी प्राप्त करने के लिए बातचीत की कि ब्रिटेन किस दिशा और समय सीमा में ब्रेक्सिट होने की तरफ देख रहा है। भारत ब्रिटेन के साथ गहरे अनुबंध के लिए अगला कदम उठाने के उद्देश्य से बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया तेजी से चल रही है, ताकि ब्रेक्सिट के प्रभावी होने पर हम तेजी से काम करने के लिए तैयार हैं।
    वर्तमान आरसीईपी बातचीत के संबंध में वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत उचित समझौते के लिए कार्य कर रहा है, जो देश के हितों की रक्षा करेगा और अनुचित बाजार पहुंच की इजाजत नहीं देगा। आज के बाद कोई भी समझौता अथवा वाणिज्य व्यापार समझौता भारत के हितों, देश की प्रभुसत्ता की आवश्यकताओं और नागरिकों के हितों की कीमत पर नहीं होगा।
     वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने बताया कि उनका मंत्रालय समुची प्रक्रिया में तेजी लाने और पेटेंट कार्यालय को कारगर बनाने का प्रयास कर रहा है। 2014 में पिछले 7 वर्ष का संचित कार्य पड़ा था। उन्होंने बताया कि अब से सभी पेटेंट आवेदन सार्वजनिक किए जाएंगे और पारदर्शिता बनाकर रखी जाएगी।
   आईपीआर प्रवर्तन के बारे में पीयूष गोयल ने कहा कि भारत को काफी लम्बा रास्ता तय करना है, क्योंकि इस समय प्रक्रिया काफी धीमी है। आईपीआर के आस-पास समूचे ढांचे को मजबूत बनाने की जरूरत है, ताकि अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों में भारत आकर श्रेष्ठ टेक्नोलॉजी के साथ निवेश करने के संबंध में विश्वास पैदा किया जा सके।