CRPF जवानों की वजह से कश्मीरी युवती नाजिया के घर लौट आईं खुशियां

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CRPF जवानों की वजह से कश्मीरी युवती नाजिया के घर लौट आईं खुशियां

CRPF के जवानों की छोटी सी कोशिश से ‘नाजिया’ के घर में एक बार फिर खुशियां लौट आई हैं। यहां जिस नाजिया की हम बात कर रहे हैं, वह अपने परिजनों के साथ जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा शहर में रहती है। नाजिया के परिवार में वयोवद्ध माता-पिता, छोटी बहन और एक छोट


CRPF जवानों की वजह से कश्मीरी युवती नाजिया के घर लौट आईं खुशियां
CRPF के जवानों की छोटी सी कोशिश से ‘नाजिया’ के घर में एक बार फिर खुशियां लौट आई हैं। यहां जिस नाजिया की हम बात कर रहे हैं, वह अपने परिजनों के साथ जम्‍मू और कश्‍मीर के कुपवाड़ा शहर में रहती है। नाजिया के परिवार में वयोवद्ध माता-पिता, छोटी बहन और एक छोटा भाई हैं।

घर की माली हालत ऐसी है कि दो वक्‍त की रोटी जुटा पाना भी इस परिवार के लिए मुश्किल हो गया है। ऐसे में CRPF द्वारा जम्‍मू और कश्‍मीर में चलाई जा रही हेल्‍पलाइन ‘मददगार’ ने इस परिवार का हाथ थामा है। इस परिवार की इच्‍छा पर बीते दिनों CRPF की तरफ से नाजिया को एक सिलाई मशीन मुहैया कराई गई है।

जिसकी मदद से नाजिया अपने परिवार का भरण पोषण करने में सक्षम हो सकी है। CRPF के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, नाजिया के पिता परिवार में कमाने वाले इकलौते इंसान थे। बीते कई सालों से वे मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे। जैसे-जैसे नाजिया के पिता की उम्र ढलती गई, परिवार के सामने आर्थिक संकट गहराता गया।

हालात, यहां तक पहुंच गए कि बूढ़ी हो चुकी इन हड्डियों को अब लोगों ने काम देना भी बंद कर दिया। कभी कोई काम मिल जाता तो पूरी कमाई नाजिया की मां के इलाज में खर्च हो जाती थी। अपने परिवार पर आए आर्थिक संकट को देखकर नाजिया ने न केवल अपनी पढ़ाई को छोड़ने का फैसला कर लिया, बल्कि आस-पड़ोस के घरों में छोटे-मोटे काम कर परिवार की बुनियादी जरूरतों को पूरा करना शुरू कर दिया।

CRPF के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, नाजिया अपने घर की जरूरतों को पूरा करने के लिए दिन में पड़ोस के घरों में छोटे-मोटे काम करती और शाम को सिलाई और कढ़ाई सीखती थी। समय बीतता गया और नाजिया का सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण पूरा हो गया।

जिसके बाद, नाजिया ने शहर के कुछ टेलर्स शॉप पर काम किया। नाजिया ज्‍यादा से ज्‍यादा रुपए कमाने के लिए टेलर्स शॉप पर कड़ी मेहनत करती, लेकिन वह उतने रुपए नहीं कमा पा रही थी, जिससे वह अपने परिवार की आर्थिक चुनौतियों का सामना कर सकती। ऐसे में नाजिया के दिमाग में खुद का काम शुरू करने विचार आया। लेकिन, उसके पास अभी भी इतने रुपए नहीं थे, जिससे वह अपनी सिलाई मशीन खरीद पाती।