कश्मीर की पहली महिला व्हीलचेयर बास्केटबॉल प्लेयर हैं 24 साल की इंशाह बशीर

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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कश्मीर की पहली महिला व्हीलचेयर बास्केटबॉल प्लेयर हैं 24 साल की इंशाह बशीर

इंशाह बशीर 24 साल की हैं और जम्मू-कश्मीर की पहली महिला व्हीलचेयर बास्केटबॉल प्लेयर हैं। बशीर जब 15 साल की थी तब एक ऐक्सीडेंट में उनके स्पाइनल पर काफी गहरी चोटें आईं। कश्मीर के बडगाम जिले की रहने वाली इंशाह को सही वक्त पर इलाज नहीं मिल पाया। वे बताती


कश्मीर की पहली महिला व्हीलचेयर बास्केटबॉल प्लेयर हैं 24 साल की इंशाह बशीर
इंशाह बशीर 24 साल की हैं और जम्मू-कश्मीर की पहली महिला व्हीलचेयर बास्केटबॉल प्लेयर हैं। बशीर जब 15 साल की थी तब एक ऐक्सीडेंट में उनके स्पाइनल पर काफी गहरी चोटें आईं।

कश्मीर के बडगाम जिले की रहने वाली इंशाह को सही वक्त पर इलाज नहीं मिल पाया। वे बताती हैं, 'मैं 12वीं में थी जब मेरे साथ ये हादसा हुआ। रीढ़ की हड्डी में चोट की वजह से मुझे व्हीलचेयर का सहारा लेना पड़ा। '
कश्मीर की पहली महिला व्हीलचेयर बास्केटबॉल प्लेयर हैं 24 साल की इंशाह बशीर

मुश्किल वक्त में इंशाह के साथ उनके घर वाले खड़े थे। इंशाह ने भी हार नहीं मानी, उन्हें बचपन से ही बास्केटबॉल खेलने का शौक था और से हादसा होने के बाद भी ये शौक कायम रहा। व्हीलचेयर पर आने के बाद भी इंशाह ने खेलते रहने का फैसला किया। कश्मीर में लड़कियां खेल में कम हिस्सा लेती हैं और यही वजह थी कि इंशाह को लड़कों के साथ प्रैक्टिस करनी पड़ती थी।

इंशाह ने बताया कि मैंने कई लोगों को देखा जिनकी हालत मुझसे भी ज्यादा खराब थी लेकिन इसके बावजूद वो बास्केटबॉल खेल रहे थे, तो मैं क्यों नहीं खेल सकती थी।  उन लोगों ने मुझसे आग्रह किया कि मैं उनकी टीम जॉइन करूं। पहले तो मुझे लगा कि मैं ऐसा नहीं कर पाऊंगी लेकिन मैंने कर दिखाया। मुझे ये खेल पसंद है और इसे व्हीलचेयर पर खेलने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होती।'
कश्मीर की पहली महिला व्हीलचेयर बास्केटबॉल प्लेयर हैं 24 साल की इंशाह बशीर

इंशाह 2017 में राष्ट्रीय स्तर पर 'रेस्ट ऑफ इंडिया' में सेलेक्ट हुई थीं। संघर्ष के आठ सालों के बाद इंशाह को अमेरिका द्वारा स्पोर्ट्स विजिटर प्रोग्राम में शिरकत के लिए नॉर्थ कैरोलिना में आमंत्रित किया गया। यह उनके लिए बहुत खुशी का क्षण था।

आम खिलाड़ियों की तरह इंशाह भी हर रोज जिम जाती हैं, उन्होंने कभी भी अपनी इस अक्षमता को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। वो आगे चलकर भारतीय लड़कियों को स्पोर्ट्स के लिए प्रेरित करना चाहती हैं।