किसान के खेत भी तो सुरक्षित रखिए, यह भी राष्ट्रवाद है: प्रियंका गांधी

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किसान के खेत भी तो सुरक्षित रखिए, यह भी राष्ट्रवाद है: प्रियंका गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री से कहा कि वह किसान के खेत भी सुरक्षित रखें क्योंकि यह भी राष्ट्रवाद का ही हिस्सा है। प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि सबसे


किसान के खेत भी तो सुरक्षित रखिए, यह भी राष्ट्रवाद है: प्रियंका गांधी
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री से कहा कि वह किसान के खेत भी सुरक्षित रखें क्योंकि यह भी राष्ट्रवाद का ही हिस्सा है।

प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि सबसे बड़ा राष्ट्रवाद क्या होता है? उन्होंने कहा कि यह देश जनता से बना है। उन्होंने कहा कि जनता से प्रेम का मतलब है, जनता का आदर। जनता के आदर का मतलब है, जब जनता कुछ कह रही है तो आप सुनिये। जनता की आवाज लोकतंत्र की आवाज होती है। यह कैसा राष्ट्रवाद है कि आप किसानों को नकारें, नौजवानों को नकारें, महिलाओं को नकारें।

प्रियंका ने कहा कि जहां जहां मैं जाती हूं लोग आवारा पशुओं की समस्यायें बताते हैं। अपने आपको देश का चौकीदार कहने वाले ने किसानों को खेत में बैठा दिया है चौकीदारी करने के लिये। किसानों के खेत की चौकीदारी कोई भाजपा का नेता नहीं करता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश के रायबरेली के थुलवासा में कांग्रेस प्रत्याशी और अपनी मां सोनिया गांधी के पक्ष में एक नुक्कड सभा में शुक्रवार को उन्होंने कहा ‘जब अपने अधिकारों के लिये प्रदर्शन करते है तो आज की सरकार आपकी आवाज को दबा देती है। ऐसा शिक्षकों और किसानों के साथ हो चुका है। क्यूं करती है यह सरकार ऐसा? क्योंकि वह आपकी शक्ति से डरती है। क्योंकि उन्हें मालूम है कि पांच सालों में उन्होंने जितने भी वचन किये थे एक भी वचन उन्होंने पूरा नहीं किया है।

उन्होंने आगे कहा, जनता के सवालों के जवाब नहीं हैं इनके पास। बड़े बड़े वायदे किये थे, बड़ी बड़ी उम्मीद बंधाई थी इन्होंने और बहुत भारी बहुमत से जीते थे। केंद्र सरकार इन्होंने बनाई, बहुत मजबूती से बनाई। लेकिन एक भी ऐसा कार्य नहीं किया जो जनता के हित में हो।

उन्होंने कहा कि इस सरकार ने केवल प्रचार ही प्रचार किया है। आप टीवी चलाते हैं उस पर प्रचार दिखता है, अखबार खोलते है उस पर उनका चेहरा दिखता है। आपको बताया जाता है पिछले पांच सालों में देश में जितना विकास हुआ है, वह आज तक नहीं हुआ। इनके भाषण में आधा भाषण विपक्षियों की आलोचना करने में होता है।