जानिए रोज़ा किस पर है फर्ज, कैसे टूटता है और कैसे नहीं...

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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जानिए रोज़ा किस पर है फर्ज, कैसे टूटता है और कैसे नहीं...

लखनऊ। इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र महीने रमजान की शुरूआत चांद के दीदार के साथ होती है। रमजान मुबारक का महीना मुस्लिम धर्म मे खास अहमियत रखता है। इस माह में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग पूरे महीने रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। इस पवित्र म


जानिए रोज़ा किस पर है फर्ज, कैसे टूटता है और कैसे नहीं...
लखनऊ। इस्लाम धर्म के  सबसे पवित्र महीने रमजान की शुरूआत चांद के दीदार के साथ होती है। रमजान मुबारक का महीना मुस्लिम धर्म मे खास अहमियत रखता है। इस माह में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग पूरे महीने रोजा रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं।

इस पवित्र महीने मे रोजा रखने वाले रोजदार सुबह सादिक से पहले तक सहरी करके रोजे की नीयत करके रोजा रखने की शुरूआत करते है व शाम को सूरज छिपने के बाद इफ्तार करते हैं। रोजा रखने के दौरान रोज़दार पांचो वक्त की नमाज पढ़ते हैं व अल्लाह से दुआएं करते है। मान्यता है कि यह पवित्र महीना बहुत रहमतों व बरकतों का है।

मजहबे इस्लाम के पांच अरकानो मे से रोज़ा भी एक रूक्न है। यह वह महीना है जिसमे अल्लाह तआला ने अपनी पाक किताब कुरआन शरीफ को बन्दो की रहनुमाई के लिए इस जहां में उतारा। इस पाक माह मे अल्लाह जन्नत के दरवाजे खोल देता है व दोजख के दरवाजो को बन्द कर देता है। वहीं शैतान को कैद कर लेता है। इस महीने मे नफ्ल काम करने पर अल्लाह फर्ज अदा करने का सवाब और फर्ज अदा करने पर सत्तर फर्जों का सबाब देता है।

जानिए रोज़ा किस पर है फर्ज, कैसे टूटता है और कैसे नहीं... रोजा किस पर फर्ज है
हर मुसलमान मर्द व औरत जो अक्ल वाला व तन्दुरूस्त हो उस पर साल में एक माह के रोजे रखना फर्ज है।

रोजा न रखने वालो पर गुनाह
जो मुसलमान रोजा नहीं रखता है वह अल्लाह की रहमत से महरूम रहता है रोजा न रखने पर वह शख्स अल्लाह की नाफरमानी करते हैं। रोज़ा न रखना गुनाह-ए-कबीरा है।

रोजा कैसे रखा जाता है
सुबह सादिक(सूर्योदय से पहले) से लेकर गुरूब(सूर्यास्त) तक अपने आपको खाने-पीने से रोके रखना रोज़ा कहलाता है। मुंह के रोजे के साथ-साथ हाथ, कान, नाक, जबान व आंखो का भी रोजा होता है। रोजे की हालात मे किसी की बुराई करने व सुनने, बुरा देखने, बुरा करने से बचें।
जानिए रोज़ा किस पर है फर्ज, कैसे टूटता है और कैसे नहीं...
रोजे की हालात मे कैसे रहे
रोजे की हालात मे कुरआन की तिलावत करें, दुरूद शरीफ पढ़े, पांच वक्त की नमाज अदा करें, बुराई व लड़ाई झगडे से दूर रहे, गरीबो यतीमो व बेवाओ की मदद करें।

रोजा कैसे टूटता है
रोजा जानबूझकर खाने-पीने, वुजू के दौरान हल्क मे पानी चले जाने, बीवी से हमबिस्तरी करने से रोजा टूट जाता है।

रोजा किससे नहीं टूटता
रोजे की हालात मे भूल से खाना-पीना, सिर में तेल व आंखो मे शुरमा या काजल, कपड़ो पर खुश्बू के लिए इत्र लगाने आदि से रोजा नहीं टूटता है।