कोतवाल ने बच्चों के उपचार को दिए 50 हजार
ठाकुरद्वारा (इफ्तखार)। निर्मलपुर में अपने बच्चों को क्रूरतापूर्वक मारने वाले दर्जी रोहताश के परिवार के साथ भाइयों के परिवार की आर्थिक हालत भी बेहतर नहीं होने पर घायल बच्चों के उपचार के लिए भी मुश्किल हो गई। सरकारी एंबुलेंस से सीएचसी में तो भर्ती करव
ठाकुरद्वारा (इफ्तखार)। निर्मलपुर में अपने बच्चों को क्रूरतापूर्वक मारने वाले दर्जी रोहताश के परिवार के साथ भाइयों के परिवार की आर्थिक हालत भी बेहतर नहीं होने पर घायल बच्चों के उपचार के लिए भी मुश्किल हो गई। सरकारी एंबुलेंस से सीएचसी में तो भर्ती करवा दिया गया।
लेकिन डाक्टरों ने रात में ही शीघ्र बेहतर उपचार की आवश्यक्ता बताई। ऐसेे में परिजनों ने काशीपुर के अस्पताल में भर्ती करने की इच्छा जताई, लेकिन आर्थिक समस्या आ गई। ऐसे में कोतवाल मनोज कुमार ने 50 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग कर जिंदगी और मौत से जूझ रहे बच्चों को काशीपुर कृष्णा अस्पताल में भर्ती कराया।
उधर एसडीएम विनीता सिंह के निर्देश पर तहसीलदार जमन सिंह ने जी निर्मल पुर पहुंचकर परिवार की आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि दलीप सिंह के चार बेटों में रोहतास सबसे छोटा है। घर की पुश्तैनी जमीन पर सभी भाई मकान बनाकर अलग-अलग रह रहे हैं जबकि खेती की करीब 10 बीघा जमीन चार हिस्सों में बट गई है। करीब तीन तीन बीघा पर चारों भाई खेती कर भरण पोषण करते हैं।
लेकिन डाक्टरों ने रात में ही शीघ्र बेहतर उपचार की आवश्यक्ता बताई। ऐसेे में परिजनों ने काशीपुर के अस्पताल में भर्ती करने की इच्छा जताई, लेकिन आर्थिक समस्या आ गई। ऐसे में कोतवाल मनोज कुमार ने 50 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग कर जिंदगी और मौत से जूझ रहे बच्चों को काशीपुर कृष्णा अस्पताल में भर्ती कराया।
उधर एसडीएम विनीता सिंह के निर्देश पर तहसीलदार जमन सिंह ने जी निर्मल पुर पहुंचकर परिवार की आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि दलीप सिंह के चार बेटों में रोहतास सबसे छोटा है। घर की पुश्तैनी जमीन पर सभी भाई मकान बनाकर अलग-अलग रह रहे हैं जबकि खेती की करीब 10 बीघा जमीन चार हिस्सों में बट गई है। करीब तीन तीन बीघा पर चारों भाई खेती कर भरण पोषण करते हैं।