यूट्यूब से सीखा डुप्लीकेट फिंगर प्रिंट बनाना और ग्रामीणों के उड़ा दिए 10 लाख

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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यूट्यूब से सीखा डुप्लीकेट फिंगर प्रिंट बनाना और ग्रामीणों के उड़ा दिए 10 लाख

बड़वानी, मप्र। मोबाइल सिम कार्ड बेचने वाले एक शातिर द्वारा की गई 10 लाख की धोखाधड़ी का पुलिस ने मंगलवार को पर्दाफाश किया। आरोपित ने शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर बड़वानी और धार जिले के कई ग्रामीणों को शिकार बनाया। धोखाधड़ी के लिए वह ग्रामीणों क


यूट्यूब से सीखा डुप्लीकेट फिंगर प्रिंट बनाना और ग्रामीणों के उड़ा दिए 10 लाख बड़वानी, मप्र। मोबाइल सिम कार्ड बेचने वाले एक शातिर द्वारा की गई 10 लाख की धोखाधड़ी का पुलिस ने मंगलवार को पर्दाफाश किया। आरोपित ने शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर बड़वानी और धार जिले के कई ग्रामीणों को शिकार बनाया। धोखाधड़ी के लिए वह ग्रामीणों के अंगूठे के निशान मोम लगे कार्ड पर लेकर डुप्लीकेट फिंगर प्रिंट तैयार करता था।

आधार कार्ड और अन्य जानकारियों की मदद से लोगों के खाते से राशि अन्य खातों में ट्रांसफर कर निकाल लेता था। महज 12वीं पास आरोपित ने पुलिस को बताया कि डुप्लीकेट फिंगर प्रिंट बनाने का तरीका उसने यू-ट्यूब से सीखा है।

नई दुनिया की रिपोर्ट के अनुसार एसपी यांगचेंग डोलकर भूटिया ने मीडिया से चर्चा में बताया कि आरोपित भरत (26) पिता प्रेमचंद कु मरावत निवासी बजरंग कॉलोनी निसरपुर (धार) भाई धर्मेंद्र और अन्य साथियों की मदद से धोखाधड़ी करता था। कुछ दिन पहले ग्राम अवल्दा निवासी सुनीताबाई पति स्व. करण उचावरे के दो खातों से उसने 87 हजार और दो हजार 800 रुपए निकाल लिए।

शिकायत पर सायबर सेल टीम और शहर पुलिस ने छानबीन की तो एक बैंक के सीसीटीवी फु टेज से मिले सुराग के आधार टीमें आरोपित तक पहुंच गईं। पूछताछ और छानबीन में अब तक पता लगा है कि आरोपित ने 60-70 लोगों के साथ करीब 10 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। जांच में पीड़ितों की संख्या और धोखाधड़ी की राशि बढ़ने की संभावना है।

एएसपी सुनीता रावत ने बताया कि आरोपित भरत बड़वानी में कि राए के मकान में रहता था। आसपास के गांवों में घूमकर लोगों को निशाना बनाता था। लोगों से वह पेंशन बढ़ाने, जनधन में खाते खुलवाने आदि के नाम पर आधार कार्ड, बैंक पासबुक आदि की जानकारी के साथ मोम लगे कार्ड पर फिंगर प्रिंट भी लेता था। बाद में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति बनाने की तकनीक से फे विकॉल डालकर डुप्लीकेट फिंगर प्रिंट तैयार कर लेता था।

हितग्राहियों के खाते में आने वाली सरकारी योजनाओं की राशि को वह भीम एप की मदद से दो या तीन ऐसे खातों में ट्रांसफर कर लेता था, जिन खातेदारों के फिंगर प्रिंट और एटीएम कार्ड भी उसके पास होते थे। बाद में एटीएम या कि योस्क की मदद से राशि आसानी से निकाल लेता था। आरोपित के करीब पांच बैंक खाते भी मिले हैं। पुलिस ने आरोपित के पास से अंगूठे की छाप लगे 50-60 स्टीकर, ग्लूस्टिक, लैपटॉप, करीब 150 खाली और चालू सिम कार्ड, लोगों के 21 आधार कार्ड, 5-6 मोबाइल, फिंगर प्रिंट बायोमैट्रिक मशीन, मिनी एटीएम के अलावा 3 लाख 90 हजार रुपए बरामद किए हैं।

बैंक के ट्रांजेक्शन (राशि जमा होने और निकालने) के दौरान बैंक से मोबाइल पर आने वाले मैसेज की वजह से पकड़े जाने से बचने का भी आरोपित ने तरीका खोज निकाला था। चूंकि भरत सिम बेचने का काम भी करता था, खातेदारों के डुप्टीलेकट फिंगर प्रिंट से वह नई सिम लेकर अपने पास ही रख लेता था। ऐसे में बैंक से आने वाले ट्रांजेक्शन के मैसेज खातेदार तक पहुंच नहीं पाते थे।