रियल एस्टेट क्षेत्र को बदलने की तैयारी में मुकेश अंबानी

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रियल एस्टेट क्षेत्र को बदलने की तैयारी में मुकेश अंबानी

नई दिल्ली। दुनिया के 13वें सबसे रईस शख्स मुकेश अंबानी जियो के जरिये भारत में दूरसंचार क्षेत्र की तस्वीर पूरी तरह बदलने के बाद अब रियल एस्टेट में भी कुछ ऐसा ही धमाका करने जा रहे हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (क्रढ्ढरु) ने मुंबई के निकट एक विश्वस्तर


रियल एस्टेट क्षेत्र को बदलने की तैयारी में मुकेश अंबानीनई दिल्ली। दुनिया के 13वें सबसे रईस शख्स मुकेश अंबानी जियो के जरिये भारत में दूरसंचार क्षेत्र की तस्वीर पूरी तरह बदलने के बाद अब रियल एस्टेट में भी कुछ ऐसा ही धमाका करने जा रहे हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (क्रढ्ढरु) ने मुंबई के निकट एक विश्वस्तरीय मेगासिटी तैयार करने का ब्लूप्रिंट लगभग तैयार कर लिया है। बिजनस स्टैंडर्ड की एक रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है। यही मेगासिटी कितनी बड़ी होगी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह रिलायंस ग्रुप का एकमात्र सबसे बड़ा प्रॉजेक्ट होने जा रहा है, जिसका हर हिस्सा अपने आप में एक प्रॉजेक्ट होगा।
अंबानी का मेगासिटी सिंगापुर की तर्ज पर डिवेलप होगा। इसमें एयरपोर्ट, पोर्ट तथा सी लिंक कनेक्टिविटी भी होंगे। इसमें पांच लाख से अधिक लोग रह सकेंगे। यही नहीं, इस शहर में हजारों कंपनियां भी होंगी। इस प्रॉजेक्ट के डिवेलपमेंट में एक दशक में लगभग 75 अरब डॉलर की लागत आ सकती है।
अंबानी अपनी इस महत्वाकांक्षी परियोजना को बेहद व्यापक स्तर पर लॉन्च कर सकते हैं, जैसा पहले कभी नहीं देखा गया होगा। विश्लेषकों का कहना है कि रियल एस्टेट के क्षेत्र पर इस प्रॉजेक्ट का वही असर हो सकता है, जैसा दूरसंचार क्षेत्र पर जियो की वजह से हुआ। कुल मिलाकर, रिलायंस का यह प्रॉजेक्ट भारत में नई इबारत लिख सकता है, क्योंकि समस्त शहरी बुनियादी ढांचे की जो तस्वीर है, उसे यह पूरी तरह बदल सकता है।
रिपोर्ट ने रियल एस्टेट के एक शीर्ष विश्लेषक का हवाला देते हुए कहा है कि इस शहर के अस्तित्व में आने के बाद मुंबई की तस्वीर पूरी तरह बदल सकती है। उन्होंने कहा कि नया शहर रिवर्स माइग्रेशन का कारण बन सकता है, क्योंकि इसकी कीमतें मुंबई के रियल एस्टेट कंपनियों द्वारा बेचे जा रहे मकानों की तुलना में काफी कम होगी।
इस प्रॉजेक्ट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि कंपनी न सिर्फ खुद इस प्रॉजेक्ट को डिवेलप करेगी, बल्कि शहर तैयार होने के बाद वह उसके प्रशासन को भी नियंत्रित करेगी। ऐसा स्पेशल प्लानिंग अथॉरिटी लाइसेंस की वजह से होगा, जो कंपनी को इस ऐतिहासिक परियोजना के लिए मिला है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस लाइसेंस से अंबानी को न सिर्फ बेहद कम लालफीताशाही का सामना करना पड़ेगा, बल्कि शहर को डिवेलप करने की लागत भी कम होगी।