मुस्लिम IAS अधिकारी ने बयां किया अपना दर्द!
कुछ महीने पहले अपने सीनियर ऑफिसर पर बदतमीजी का आरोप लगाकर चर्चा में आए मध्य प्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नियाज अहमद खान एक बार फिर सुर्खियों में हैं। नियाज खान ने एक बार फिर अपने मुस्लिम होने की पीड़ा सोशल मीडिया के जरिए जाहिर की है। न
कुछ महीने पहले अपने सीनियर ऑफिसर पर बदतमीजी का आरोप लगाकर चर्चा में आए मध्य प्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी नियाज अहमद खान एक बार फिर सुर्खियों में हैं। नियाज खान ने एक बार फिर अपने मुस्लिम होने की पीड़ा सोशल मीडिया के जरिए जाहिर की है।
नियाज खान फिलहाल परिवहन विभाग में पदस्थ हैं। उन्होंने शनिवार को ट्विटर पर लिखा कि वह अपनी नई किताब के लिए अपना नया नाम ढूंढ रहे हैं, जिससे वह अपने मुस्लिम होने की पहचान छुपा सकें और नफरत की तलवार से खुद को बचा सकें। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए।
उन्होंने कहा कि मेरा नया नाम मुझे हिंसक भीड़ से बचाएगा। अगर मेरे पास टोपी, कुर्ता और दाढ़ी नहीं होगी तो मैं भीड़ को अपना नकली नाम बताकर आसानी से बच जाऊंगा।
हालांकि, मेरे भाई ने अगर पारंपरिक कपड़े पहने हों तो वह बहुत ही खतरनाक स्थिति में है। क्योंकि कोई भी संस्था हमें बचाने में सक्षम नहीं है, इसलिए बेहतर होगा कि हम अपना नाम बदल लें।
नियाज खान फिलहाल परिवहन विभाग में पदस्थ हैं। उन्होंने शनिवार को ट्विटर पर लिखा कि वह अपनी नई किताब के लिए अपना नया नाम ढूंढ रहे हैं, जिससे वह अपने मुस्लिम होने की पहचान छुपा सकें और नफरत की तलवार से खुद को बचा सकें। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए।
उन्होंने कहा कि मेरा नया नाम मुझे हिंसक भीड़ से बचाएगा। अगर मेरे पास टोपी, कुर्ता और दाढ़ी नहीं होगी तो मैं भीड़ को अपना नकली नाम बताकर आसानी से बच जाऊंगा।
हालांकि, मेरे भाई ने अगर पारंपरिक कपड़े पहने हों तो वह बहुत ही खतरनाक स्थिति में है। क्योंकि कोई भी संस्था हमें बचाने में सक्षम नहीं है, इसलिए बेहतर होगा कि हम अपना नाम बदल लें।
For the last six months I am looking for a new name for this book and for myself so that I could hide my Muslim identity. To save myself from the sword of hate it is must pic.twitter.com/gjiTVOhxAP— Niyaz Khan (@saifasa) 6 July 2019
The new name will save me from the violent crowd. If I have no topi, no kurta and no beard I can get away easily by telling my fake name to the crowd. However, if my brother is wearing traditional clothes and has beard he is in most dangerous situation.— Niyaz Khan (@saifasa) 6 July 2019