ईद पर बाढ़ पीड़ितों के लिए नौशाद ने दान में दिया कपड़ों से भरा पूरा गोदाम...
केरल में बाढ़ से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। यहाँ अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है । केरल में 2.27 लाख से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। जबकि लगातार हो रही बारिश के कारण हालात और भी बदतर होते जा रहे हैं। सरकार, प्रशासन, एनजीओ सभी लोगों को
केरल में बाढ़ से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। यहाँ अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है । केरल में 2.27 लाख से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। जबकि लगातार हो रही बारिश के कारण हालात और भी बदतर होते जा रहे हैं। सरकार, प्रशासन, एनजीओ सभी लोगों को राहत पहुंचाने की हर संभव मदद कर रहे हैं। आम जनता भी अपने बूते लोगों की मदद कर रही है। लेकिन इस बीच नौशाद नाम के एक शख्स ने जो किया है, उसे जानकर आप भी उन्हें सलाम करेंगे।
नौशाद सड़क किनारे कपड़े बेचते हैं। वह एर्नाकुलम में रहते हैं। 12 अगस्त को हम सभी बकरीद मना रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने कपड़ों से भरा अपना पूरा गोदाम बाढ़ पीड़ितों को दान में दे दिया है। जब उन्हें टोका गया, तो उन्होंने कहा, ‘यह मेरी ईद है।’
मलयालम एक्टर राजेश शर्मा बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद इक्ट्ठा करने का काम कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह कहते हैं, ‘नौशाद हमारे पास आया और उसने कहा कि उसे कुछ कपड़े बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए देने हैं। हमें नहीं पता था कि उसके पास किस तरह के कपड़े हैं। जब हमारे लोग कपड़े लेने गोदाम में पहुंचे तो उसने अपना पूरा स्टॉक निकालकर दे दिया।’
रिपोर्ट के मुताबिक, नौशाद जब ऐसा कर रहे थे तो कपड़े लेने के लिए पहुंचे लोगों ने उन्होंने इस हद तक जाने के लिए मना भी किया। लेकिन नौशाद नहीं माने। उन्होंने कहा, ‘कल ईद है। यह मेरा ईद है। जब मैं मर जाऊंगा तो कुछ लेकर नहीं जाऊंगा। दूसरों की मदद होगी, यही मेरा फायदा है।’
नौशाद सड़क किनारे कपड़े बेचते हैं। वह एर्नाकुलम में रहते हैं। 12 अगस्त को हम सभी बकरीद मना रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने कपड़ों से भरा अपना पूरा गोदाम बाढ़ पीड़ितों को दान में दे दिया है। जब उन्हें टोका गया, तो उन्होंने कहा, ‘यह मेरी ईद है।’
मलयालम एक्टर राजेश शर्मा बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद इक्ट्ठा करने का काम कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह कहते हैं, ‘नौशाद हमारे पास आया और उसने कहा कि उसे कुछ कपड़े बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए देने हैं। हमें नहीं पता था कि उसके पास किस तरह के कपड़े हैं। जब हमारे लोग कपड़े लेने गोदाम में पहुंचे तो उसने अपना पूरा स्टॉक निकालकर दे दिया।’
रिपोर्ट के मुताबिक, नौशाद जब ऐसा कर रहे थे तो कपड़े लेने के लिए पहुंचे लोगों ने उन्होंने इस हद तक जाने के लिए मना भी किया। लेकिन नौशाद नहीं माने। उन्होंने कहा, ‘कल ईद है। यह मेरा ईद है। जब मैं मर जाऊंगा तो कुछ लेकर नहीं जाऊंगा। दूसरों की मदद होगी, यही मेरा फायदा है।’