हनीट्रैप मामले में नया खुलासा- मध्यवर्गीय परिवार की छात्राओं को बनाया जाता था निशाना!
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश का हनीट्रैप मामला सुर्खियों में छाया है। इस मामले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। अब एक बड़ा खुलासा हुआ है जिसमें कॉलेज छात्राओं के इस्तेमाल किये जाने की बात सामने आ रही है। हनी ट्रैप की मुख्य आरोपी श्वेता विजय जैन ने पूछताछ म
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश का हनीट्रैप मामला सुर्खियों में छाया है। इस मामले में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं। अब एक बड़ा खुलासा हुआ है जिसमें कॉलेज छात्राओं के इस्तेमाल किये जाने की बात सामने आ रही है।
हनी ट्रैप की मुख्य आरोपी श्वेता विजय जैन ने पूछताछ में एसआईटी को बताया है कि मध्यवर्गीय परिवार से आने वाली 20 से अधिक छात्राओं को अफसरों के पास भेजा गया। श्वेता ने इस बात का भी खुलासा किया है कि हनी ट्रैप का मुख्य उद्देश्य सरकारी ठेके, एनजीओ को फंडिंग करवाना और वीआईपी लोगों को टारगेट करना था। श्वेता ने बताया कि कई बड़ी कंपनियों को ठेके दिलवाने में मदद की। इस काम में उसकी साथी रही आरती दयाल ने भी अहम भूमिका निभाई।
गौरतलब है कि हनीट्रैप मामले की आरोपी श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा को 30 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा दिया गया है। अन्य आरोपी आरती दयाल और मोनिका यादव को एक अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
इसके अलावा श्वेता ने एसआईटी को बताया कि आईपीएस और आईएएस अफसरों की डिमांड पर कॉलेज की छात्राओं को उनके पास भेजा जाता था। इन अधिकारियों में कई तो उन छात्राओं की पिता की उम्र के बराबर थे। श्वेता ने मोनिका यादव नाम की छात्रा का भी नाम लिया।
मोनिका ने एसआईटी को बताया कि, ‘श्वेता ने उसे नामी कॉलेज में दाखिला करवाने में मदद के नाम पर ऐसा करने के लिए कहा था। श्वेता के बड़े अफसरों से खास संबंध थे। मुझे विश्वास दिलाने के लिए वह मंत्रालय भी लेकर गई थी। जहां उसने सचिव स्तर के तीन आईएएस अफसरों से मिलवाया।’
पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि श्वेता ने मोनिका को लग्जरी कार आडी भी इंदौर-भोपाल आने जाने के लिए दी थी।
एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मोनिका ने शुरू में श्वेता को इनकार कर दिया था और नरसिंहगढ़ में अपने माता-पिता के घर लौट आई। इसके बाद आरती दयाल मोनिका के घर का पहुंची और उसके पिता से कहा कि अगर वह अपनी बेटी को भोपाल भेजते हैं, तो उसका एनजीओ मोनिका की शिक्षा की सभी लागतों को वहन करेगा। बाद में मोनिका के पिता ने बेटी को आरती के साथ भोपाल के जाने की अनुमति दे दी।
दूसरी ओर भोपाल में एसएससी परीक्षा की तैयारी करने आई हनीट्रैप गैंग की सदस्य आरती दयाल ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उसने पुलिस को बताया कि टेंडर लेने का तरीका उसने श्वेता जैन से सीखा था। इसके बाद उसने अपनी गैंग में और लड़कियों को जोड़ा। उसने बिजनेस के सिलसिले में इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह से मिलने की बात भी कबूली है।
हनी ट्रैप की मुख्य आरोपी श्वेता विजय जैन ने पूछताछ में एसआईटी को बताया है कि मध्यवर्गीय परिवार से आने वाली 20 से अधिक छात्राओं को अफसरों के पास भेजा गया। श्वेता ने इस बात का भी खुलासा किया है कि हनी ट्रैप का मुख्य उद्देश्य सरकारी ठेके, एनजीओ को फंडिंग करवाना और वीआईपी लोगों को टारगेट करना था। श्वेता ने बताया कि कई बड़ी कंपनियों को ठेके दिलवाने में मदद की। इस काम में उसकी साथी रही आरती दयाल ने भी अहम भूमिका निभाई।
गौरतलब है कि हनीट्रैप मामले की आरोपी श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा को 30 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा दिया गया है। अन्य आरोपी आरती दयाल और मोनिका यादव को एक अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
इसके अलावा श्वेता ने एसआईटी को बताया कि आईपीएस और आईएएस अफसरों की डिमांड पर कॉलेज की छात्राओं को उनके पास भेजा जाता था। इन अधिकारियों में कई तो उन छात्राओं की पिता की उम्र के बराबर थे। श्वेता ने मोनिका यादव नाम की छात्रा का भी नाम लिया।
मोनिका ने एसआईटी को बताया कि, ‘श्वेता ने उसे नामी कॉलेज में दाखिला करवाने में मदद के नाम पर ऐसा करने के लिए कहा था। श्वेता के बड़े अफसरों से खास संबंध थे। मुझे विश्वास दिलाने के लिए वह मंत्रालय भी लेकर गई थी। जहां उसने सचिव स्तर के तीन आईएएस अफसरों से मिलवाया।’
पूछताछ के दौरान यह भी पता चला कि श्वेता ने मोनिका को लग्जरी कार आडी भी इंदौर-भोपाल आने जाने के लिए दी थी।
एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मोनिका ने शुरू में श्वेता को इनकार कर दिया था और नरसिंहगढ़ में अपने माता-पिता के घर लौट आई। इसके बाद आरती दयाल मोनिका के घर का पहुंची और उसके पिता से कहा कि अगर वह अपनी बेटी को भोपाल भेजते हैं, तो उसका एनजीओ मोनिका की शिक्षा की सभी लागतों को वहन करेगा। बाद में मोनिका के पिता ने बेटी को आरती के साथ भोपाल के जाने की अनुमति दे दी।
दूसरी ओर भोपाल में एसएससी परीक्षा की तैयारी करने आई हनीट्रैप गैंग की सदस्य आरती दयाल ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। उसने पुलिस को बताया कि टेंडर लेने का तरीका उसने श्वेता जैन से सीखा था। इसके बाद उसने अपनी गैंग में और लड़कियों को जोड़ा। उसने बिजनेस के सिलसिले में इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह से मिलने की बात भी कबूली है।