रेप से कम नहीं है 'निकाह हलाला', इसके खिलाफ कानून बनाये सरकार: मालीवाल
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश में निकाह हलाला और बहुविवाह के खिलाफ कानून बनाने की मांग की। स्वाति मालीवाल ने पत्र में कहा “निकाह हलाला एक ऐसी कुरीति है जो एक महिला के साथ दुष्कर
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर देश में निकाह हलाला और बहुविवाह के खिलाफ कानून बनाने की मांग की। स्वाति मालीवाल ने पत्र में कहा “निकाह हलाला एक ऐसी कुरीति है जो एक महिला के साथ दुष्कर्म के अलावा कुछ भी नहीं है।
उन्होंने पत्र में लिखा ”एक महिला अपने पति से तलाक लेने के बाद उसके साथ तब तक सामंजस्य नहीं बना सकती जब तक कि वह किसी दूसरे पुरुष से शादी नहीं करती और उसके साथ यौ’न संबंध नहीं बनाती। फिर भी वह अपने पति के साथ मिलना चाहती है तो उसे दूसरे आदमी को तलाक देना होगा। यह महिला की सहमति के बिना शारीरिक शो’षण है . कई बार यह देखा जाता है कि दूसरा पुरुष महिला को तलाक देने से इंकार करता है ऐसे में महिला उसके साथ रहने के लिए मजबूर हो जाती है।”
यह महिला के लिए ऐसा अत्याचार है जिसमे शारीरिक और मानसिक शोषण होता है। मालीवाल ने पीएम मोदी से ट्रिपल तलाक बिल में निकाह हलाला और बहुविवाह के अ’पराधीकरण के प्रावधानों को भी शामिल करने का आग्रह करते हुये कहा कि न केवल ट्रिपल तालक, बल्कि निकाह हलाला और बहुविवाह भी बहुत क्रू’र प्रथाएं हैं जो हमारे समाज के एक बड़े वर्ग को प्रभावित करती है।” उन्होंने कहा हमारे पास ऐसी कई महिलाएं आती है जिन्हे रोजाना ट्रिपल तलाक , निकाह हलाला और बहुविवाह का खामियाजा भुगतना पड़ता है जिनके दर्द को व्यक्त नहीं किया जा सकता है।
“पत्र में मालीवाल ने कहा “एक सभ्य समाज में जहां महिलाओं और पुरुषों को हर जगह में समान दर्जा दिया जाता है, वहाँ इन कुरीतियों के लिए कोई जगह नहीं है। इनमे से किसी भी मामले में, जब पाकिस्तान, बांग्लादेश, तुर्की और कई अन्य देशों ने पहले ही तत्काल ट्रिपल तलाक पर प्रतिबंध लगा दिया है, तो क्यों भारत नहीं ?, साथ ही उन्होंने कहा बहु विवाह एक और क्रूर प्रथा है जिसमे जिसमें मुस्लिम पुरुष को एक ही समय में चार पत्नियां रखने की अनुमति है। बहुविवाह संविधान द्वारा प्रदत्त महिलाओं के लिए समानता के अधिकार पर हमला है। ”
उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि सरकार आयोग की इस सिफारिश पर तत्काल कार्रवाई करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि संसद में एक व्यापक विधेयक पारित किया जाए।
उन्होंने पत्र में लिखा ”एक महिला अपने पति से तलाक लेने के बाद उसके साथ तब तक सामंजस्य नहीं बना सकती जब तक कि वह किसी दूसरे पुरुष से शादी नहीं करती और उसके साथ यौ’न संबंध नहीं बनाती। फिर भी वह अपने पति के साथ मिलना चाहती है तो उसे दूसरे आदमी को तलाक देना होगा। यह महिला की सहमति के बिना शारीरिक शो’षण है . कई बार यह देखा जाता है कि दूसरा पुरुष महिला को तलाक देने से इंकार करता है ऐसे में महिला उसके साथ रहने के लिए मजबूर हो जाती है।”
यह महिला के लिए ऐसा अत्याचार है जिसमे शारीरिक और मानसिक शोषण होता है। मालीवाल ने पीएम मोदी से ट्रिपल तलाक बिल में निकाह हलाला और बहुविवाह के अ’पराधीकरण के प्रावधानों को भी शामिल करने का आग्रह करते हुये कहा कि न केवल ट्रिपल तालक, बल्कि निकाह हलाला और बहुविवाह भी बहुत क्रू’र प्रथाएं हैं जो हमारे समाज के एक बड़े वर्ग को प्रभावित करती है।” उन्होंने कहा हमारे पास ऐसी कई महिलाएं आती है जिन्हे रोजाना ट्रिपल तलाक , निकाह हलाला और बहुविवाह का खामियाजा भुगतना पड़ता है जिनके दर्द को व्यक्त नहीं किया जा सकता है।
“पत्र में मालीवाल ने कहा “एक सभ्य समाज में जहां महिलाओं और पुरुषों को हर जगह में समान दर्जा दिया जाता है, वहाँ इन कुरीतियों के लिए कोई जगह नहीं है। इनमे से किसी भी मामले में, जब पाकिस्तान, बांग्लादेश, तुर्की और कई अन्य देशों ने पहले ही तत्काल ट्रिपल तलाक पर प्रतिबंध लगा दिया है, तो क्यों भारत नहीं ?, साथ ही उन्होंने कहा बहु विवाह एक और क्रूर प्रथा है जिसमे जिसमें मुस्लिम पुरुष को एक ही समय में चार पत्नियां रखने की अनुमति है। बहुविवाह संविधान द्वारा प्रदत्त महिलाओं के लिए समानता के अधिकार पर हमला है। ”
उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि सरकार आयोग की इस सिफारिश पर तत्काल कार्रवाई करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि संसद में एक व्यापक विधेयक पारित किया जाए।
निकाह हालाला और बहु विवाह बहुत ही शरमनाक और अमानवीय सामाजिक कुरीतियाँ हैं। PM @narendramodi जी से निवेदन है की तीन तलाक़ क़ानून में संशोधन करके निकाह हलाला और बहु विवाह को भी प्रतिबंधित करें। निकाह हलाला बलात्कार है। इसको सरकार किसी हाल में मान्यता ना दे। https://t.co/JMfkOFdiLd— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) 27 June 2019