टेलीफोन बैन नहीं, कश्मीर में 41 हज़ार लोगों का मारा जाना है मानवाधिकार उल्लंघन: शाह

डंके की चोट पर 'सिर्फ सच'

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टेलीफोन बैन नहीं, कश्मीर में 41 हज़ार लोगों का मारा जाना है मानवाधिकार उल्लंघन: शाह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में आयोजित संकल्प पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच की 5वीं वार्षिक व्याख्यान माला-2019 के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर कर्फ्यू कुछ लोगों के दिमाग में है। गृह मंत्री ने कहा,


टेलीफोन बैन नहीं, कश्मीर में 41 हज़ार लोगों का मारा जाना है मानवाधिकार उल्लंघन: शाह
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में आयोजित संकल्प पूर्व सिविल सेवा अधिकारी मंच की 5वीं वार्षिक व्याख्यान माला-2019 के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर कर्फ्यू कुछ लोगों के दिमाग में है।

गृह मंत्री ने कहा, कश्मीर में कोई पाबंदी नहीं है, ये लोगों के दिमाग में है, कश्मीर में मौजूद 196 पुलिस थानों में से हर जगह से कर्फ्यू हटा ली गई है. धारा-144 के तहत सिर्फ 8 पुलिस थानों में प्रतिबंध लागू है। आजतक की रिपोर्ट के अनुसार अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि संविधान के इस प्रावधान के कारण जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का एक दौर शुरु हुआ जिसमें अब तक 41,800 लोग मारे गए।

उन्होंने कहा कि ह्यूमन राइट्स के सवाल उठाने वालों से वे पूछना चाहते हैं कि इन मारे गए लोगों कि विधवाओं और इनके यतीम बच्चों की चिंता कभी उन्होंने की है क्या? अमित शाह ने कहा कि टेलीफोन सेवा का न होना मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं है, लेकिन इतने सालों में 41 हजार लोगों का मारा जाना मानवाधिकार का उल्लंघन है।