अब मुस्लिम बच्चियों को पढ़ाई के लिए पैसे देगी मोदी सरकार

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अब मुस्लिम बच्चियों को पढ़ाई के लिए पैसे देगी मोदी सरकार

मोदी सरकार ने अपने मौजूदा कार्यकाल में ढ़ाई करोड़ मुस्लिम बेटियों को पढ़ाई के लिए ‘प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति’ देने का फैसला किया है। मतलब यह है कि हर साल 50 लाख बेटियों की किस्मत संवारने के लिए पैसा सीधे उनके बैंक अकाउंट में भेजा जाएगा। अल्पसंख्यक का


अब मुस्लिम बच्चियों को पढ़ाई के लिए पैसे देगी मोदी सरकार
मोदी सरकार ने अपने मौजूदा कार्यकाल में ढ़ाई करोड़ मुस्लिम बेटियों को पढ़ाई के लिए ‘प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति’ देने का फैसला किया है। मतलब यह है कि हर साल 50 लाख बेटियों की किस्मत संवारने के लिए पैसा सीधे उनके बैंक अकाउंट में भेजा जाएगा।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के मुताबिक हर योजना में छात्राओं के लिए न्यूनतम 30 फीसदी सीटें निर्धारित की गई हैं। हालांकि, छात्रा लाभार्थियों की भागीदारी 50 परसेंट से अधिक है। इसका लाभ लेने की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बना दिया गया है।

मैट्रिक से पूर्व स्कॉलरशिप योजना: सरकारी और मान्यता प्राप्त निजी सकूलों में पढ़ने वाली उन अल्पसंख्यक छात्राओं को मिलेगी जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक न हो और उसने पिछली क्लास में कम से कम 50 फीसदी अंक प्राप्त किए हों।

मैट्रिक के बाद छात्रवृत्ति योजना: यह स्कॉलरशिप सरकारी व मान्यता प्राप्त स्कूलों/कॉलेजों, संस्थानों में 11वीं से पीएचडी स्तर तक पढ़ रहीं अल्पसंख्यक छात्राओं को मिलेगी। माता-पिता या अभिभावक की वार्षिक आय 2 लाख रुपये से अधिक न हो। छात्रा ने पिछली क्लास में कम से कम 50 परसेंट नंबर लिए हों।

स्नातक और स्नातकोत्तर के लिए: ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर व्यावसायिक और तकनीकी कोर्सों की पढ़ाई के लिए पैसा मिलता है। इसमें अभिभावक की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक न हो और पिछली क्लास में नंबर कम से कम 50 फीसदी हों।

मौलाना आजाद फाउंडेशन टैलेंटेड अल्पसंख्यक छात्राओं के लिए बेगम हजरत महल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति देती है। इसके तहत अब तक सरकार ने अब तक 5,89,838 छात्राओं को पैसा दिया है।

51 हजार रुपये का शादी शगुन  :  बेगम हजरत महल राष्ट्रीय छात्रवृत्ति ले चुकीं मुस्लिम लड़कियों को शादी शगुन के रूप में 51,000 रुपये दिए जा रहे हैं। इस योजना के लाभ के लिए लड़कियां ग्रेजुएशन की डिग्री के बाद पात्र होंगी। इस योजना का मकसद अल्पसंख्यक बच्चियों का स्कूल ड्रॉपआउट कम करना और उन्हें अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए प्रोत्साहित करना है।