मुराद पूरी होने पर औरंगजेब ने मुस्लिम कारीगरों से बनवाया था ये मंदिर...

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मुराद पूरी होने पर औरंगजेब ने मुस्लिम कारीगरों से बनवाया था ये मंदिर...

काशीपुर। चैती मंदिर का निर्माण मुग़ल शासक औरंगजेब के सहयोग से हुआ था। उसके शासन काल के दौरान ही चैती मंदिर परिसर मेला लगना शुरू हुआ। ख़बरों के अनुसार बताया जाता है कि औरंगजेब की बहन की तबियत खराब हुई तो कुछ सलाहकारों ने काशीपुर स्थित एक मठ से मन्नत मा


मुराद पूरी होने पर औरंगजेब ने मुस्लिम कारीगरों से बनवाया था ये मंदिर...काशीपुर। चैती मंदिर का निर्माण मुग़ल शासक औरंगजेब के सहयोग से हुआ था। उसके शासन काल के दौरान ही चैती मंदिर परिसर मेला लगना शुरू हुआ। ख़बरों के अनुसार बताया जाता है कि औरंगजेब की बहन की तबियत खराब हुई तो कुछ सलाहकारों ने काशीपुर स्थित एक मठ से मन्नत मांगने की सलाह दी। औरंगजेब ने बहन की तबियत ठीक होने पर मंदिर निर्माण की बात कही और मुराद पूरी होने पर मंदिर निर्माण भी कराया।

उज्जैनी शक्ति पीठ के नाम से प्रसिद्ध भगवती बाल सुंदरी का मंदिर शक्तिपीठ भी माना जाता है। अमर उजाला की खबर के अनुसार मंदिर के प्रधान पंडा वंश गोपाल ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जहां-जहां सती के अंग गिरे थे वहां शक्ति पीठ बने हैं। बाल सुंदरी का मंदिर भी इसी शक्ति पीठ में से एक है।

राजा ने पत्थर उखाड़ फेंकने को कहा, लेकिन वह नहीं उखड़ाएक और किंवदंती के अनुसार एक बार कुमाऊं के राजा इस इलाके से गुजर रहे थे तो उनके घोड़े के पैर से एक पत्थर को ठोकर लगी। राजा ने अपने कारिंदों से पत्थर उखाड़ फेंकने को कहा, लेकिन वह नहीं उखड़ा।

इसी दौरान लखीमपुर खीरी निवासी दो पंडित गयादीन और बंदी दीन राजा से मिलने पहुंचे तो राजा ने पत्थर की ओर इशारा करके जानना चाहा। सिंदूर की आकृति से देवी स्वरूप बने पत्थर को दोनों पंडितों ने शक्ति पीठ बताया। उस समय के शासक औरंगजेब के डर से कोई मंदिर नहीं बना रहा था।