फ्री मेट्रो के वादे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- लुभावने वादे और नुकसान के दावे साथ नहीं चल सकते
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से महिलाओं को दिल्ली मेट्रो में फ्री सवारी के प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि एक तरफ लुभावने वादे और दूसरी तरफ नुकसान के दावे यह साथ-साथ नहीं चल सकते हैं। जस्टिस अरूण मिश्रा और
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से महिलाओं को दिल्ली मेट्रो में फ्री सवारी के प्रस्ताव पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि एक तरफ लुभावने वादे और दूसरी तरफ नुकसान के दावे यह साथ-साथ नहीं चल सकते हैं।
जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस दीपक मिश्रा की खंडपीठ दिल्ली सरकार की वह दलील सुन रही थी, जिसमें यह मांग की गई थी कि केन्द्र को दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के विस्तार में जमीन की कीमत और टैक्स पर पचास फीसदी हिस्सेदारी अवश्य देनी चाहिए। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने कहा- एक तरफ वे (दिल्ली सरकार) मुफ्त सवारियां कराने जा रही है और दूसरी तरफ वह कोर्ट से चाहती है कि केन्द्र सरकार को निर्देश दे कि 50 फीसदी ऑपरेशनल नुकसान की वे भी भरपाई करे, अगर से भविष्य में होता है तो...।
अगर आप लोगों को फ्री में सवारी कराएंगे तो यह समस्या आएगी ही। अगर आप मुफ्त रेवड़ियां बाटेंगे तो समस्या आएगी ही।
जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस दीपक मिश्रा की खंडपीठ दिल्ली सरकार की वह दलील सुन रही थी, जिसमें यह मांग की गई थी कि केन्द्र को दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के विस्तार में जमीन की कीमत और टैक्स पर पचास फीसदी हिस्सेदारी अवश्य देनी चाहिए। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने कहा- एक तरफ वे (दिल्ली सरकार) मुफ्त सवारियां कराने जा रही है और दूसरी तरफ वह कोर्ट से चाहती है कि केन्द्र सरकार को निर्देश दे कि 50 फीसदी ऑपरेशनल नुकसान की वे भी भरपाई करे, अगर से भविष्य में होता है तो...।
अगर आप लोगों को फ्री में सवारी कराएंगे तो यह समस्या आएगी ही। अगर आप मुफ्त रेवड़ियां बाटेंगे तो समस्या आएगी ही।
"Why are you (Delhi government) trying to give free rides to women in metro trains? If you will give free ride to women, then the Delhi Metro Rail Corporation (DMRC) will be a unprofitable venture," a bench of the Supreme Court observed. pic.twitter.com/KDS60GDagf— ANI (@ANI) September 6, 2019