रिटायरमेंट पर हेलीकॉप्टर से घर लौटा चपरासी
हरियाणा के फरीदाबाद में कूदे राम नीमका के एक सरकारी स्कूल में चपरासी के तौर पर कार्यरत थे। हाल ही वह रिटायर हुए। दिलचस्प बात यह रही कि रिटायरमेंट के बाद वह हेलीकॉप्टर से घर लौटे। स्कूल से उनके घर की दूरी महज 2.5 किलोमीटर है। कूदे राम ने अपने इस स्वै
हरियाणा के फरीदाबाद में कूदे राम नीमका के एक सरकारी स्कूल में चपरासी के तौर पर कार्यरत थे। हाल ही वह रिटायर हुए। दिलचस्प बात यह रही कि रिटायरमेंट के बाद वह हेलीकॉप्टर से घर लौटे। स्कूल से उनके घर की दूरी महज 2.5 किलोमीटर है।
कूदे राम ने अपने इस स्वैग वाले शौक पर 3.25 लाख रुपये खर्च किए। वह कहते हैं, ‘मैंने 40 साल तक चपरासी की नौकरी की। आज तक ऐसा कोई काम नहीं किया जो मुझे अलग दिखाए।’ बता दें कि कूदे राम के हेलीकॉप्टर के लिए गांव में अस्थाई तौर पर हेलीपैड बनाया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कूदे राम बताते हैं कि हेलीकॉप्टर की सवारी करना उनका बचपन से सपना था। ऐसे में जब उन्होंने अपना यह रिटायरमेंट प्लान परिवार के लोगों को बताया तो किसी ने भी उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने अपनी यह इच्छा अपने छोटे भाई को भी बताई थी, जो गांव के सरपंच भी हैं।
कूदे राम कहते हैं, ‘मैं बहुत पढ़ा-लिखा नहीं हूं, इसलिए जिंदगी में कुछ बड़ा नहीं कर पाया। मैं अपने इलाके में इतिहास बनाना चाहता था। इसलिए कई साल की योजना के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंचा कि मुझे अपने रिटायरमेंट को खास बनाना है, ताकि परिवार और गांव के लोग हमेशा मुझे याद करें।’
रिटायरमेंट के दिन कूदे राम हर दिन की तरह साइकल से स्कूल गए। लेकिन लौटे हेलीकॉप्टर से। बीते मंगलवार को जब कूदे राम हेलीकॉप्टर में बैठे तो उनकी आंखों में गजब चमक थी। हेलीकॉप्टर लेडी पायलट उड़ा रही थी। हेलीकॉप्टर में कूदे राम के साथ उनकी पत्नी, तीन बेटियों में एक बेटी और छोटा बच्चा भी थे। सभी ने 15 मिनट तक गांव के ऊपर आसमान में जॉय राइड का मजा लिया।
कूदे राम बताते हैं कि पहले उन्होंने चार्टर प्लेन किराए पर लेने की योजना बनाई थी। लेकिन इसके लिए गांव में रनवे बनाना पड़ता, जिसका खर्च ज्यादा था। एक महीने की माथापच्ची के बाद आखिरकार हेलीकॉप्टर की योजना बनी। दिल्ली में चॉपर सर्विस देने वाली कंपनी से संपर्क किया गया। अब पुलिस से परमिशन की जरूरत थी। कूदे राम कहते हैं, ‘मैं शुरुआत में जिस भी ऑफिस गया, सब मेरी अर्जी देखकर हंसते थे।’
कूदे राम ने अपने इस स्वैग वाले शौक पर 3.25 लाख रुपये खर्च किए। वह कहते हैं, ‘मैंने 40 साल तक चपरासी की नौकरी की। आज तक ऐसा कोई काम नहीं किया जो मुझे अलग दिखाए।’ बता दें कि कूदे राम के हेलीकॉप्टर के लिए गांव में अस्थाई तौर पर हेलीपैड बनाया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कूदे राम बताते हैं कि हेलीकॉप्टर की सवारी करना उनका बचपन से सपना था। ऐसे में जब उन्होंने अपना यह रिटायरमेंट प्लान परिवार के लोगों को बताया तो किसी ने भी उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने अपनी यह इच्छा अपने छोटे भाई को भी बताई थी, जो गांव के सरपंच भी हैं।
कूदे राम कहते हैं, ‘मैं बहुत पढ़ा-लिखा नहीं हूं, इसलिए जिंदगी में कुछ बड़ा नहीं कर पाया। मैं अपने इलाके में इतिहास बनाना चाहता था। इसलिए कई साल की योजना के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंचा कि मुझे अपने रिटायरमेंट को खास बनाना है, ताकि परिवार और गांव के लोग हमेशा मुझे याद करें।’
रिटायरमेंट के दिन कूदे राम हर दिन की तरह साइकल से स्कूल गए। लेकिन लौटे हेलीकॉप्टर से। बीते मंगलवार को जब कूदे राम हेलीकॉप्टर में बैठे तो उनकी आंखों में गजब चमक थी। हेलीकॉप्टर लेडी पायलट उड़ा रही थी। हेलीकॉप्टर में कूदे राम के साथ उनकी पत्नी, तीन बेटियों में एक बेटी और छोटा बच्चा भी थे। सभी ने 15 मिनट तक गांव के ऊपर आसमान में जॉय राइड का मजा लिया।
कूदे राम बताते हैं कि पहले उन्होंने चार्टर प्लेन किराए पर लेने की योजना बनाई थी। लेकिन इसके लिए गांव में रनवे बनाना पड़ता, जिसका खर्च ज्यादा था। एक महीने की माथापच्ची के बाद आखिरकार हेलीकॉप्टर की योजना बनी। दिल्ली में चॉपर सर्विस देने वाली कंपनी से संपर्क किया गया। अब पुलिस से परमिशन की जरूरत थी। कूदे राम कहते हैं, ‘मैं शुरुआत में जिस भी ऑफिस गया, सब मेरी अर्जी देखकर हंसते थे।’